मानसून ने भारत के अधिकांश हिस्सों से विदाई ले ली है लेकिन बारिश अभी भी जारी है। अब पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव भी दिखने लगा है जिसके कारण कई क्षेत्रों में बारिश की धमकी है।
मानसून की विदाई के बाद भी बारिश का सिलसिला जारी होने से उत्तर भारत में खरीफ फसलों को भारी नुकसान होने की आशंका है। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उत्तर भारत में बारिश हो सकती है जिससे फसलों को नुकसान हो सकता है।
उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, और राजस्थान जैसे राज्यों में खरीफ फसलें सबसे अधिक प्रभावित हो सकती हैं। इन राज्यों में धान मक्का, और सोयाबीन जैसी फसलें उगाई जाती हैं, जो बारिश से सबसे अधिक प्रभावित होती हैं।
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश से फसलों को नुकसान होने की आशंका है खासकर धान की फसल को। धान की फसल बारिश से सबसे अधिक प्रभावित होती है, और यदि अधिक बारिश होती है तो फसल को भारी नुकसान हो सकता है।
मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उत्तर भारत में 15 अक्टूबर तक बारिश हो सकती है। इसके बाद मौसम शुष्क हो जाएगा और तापमान में वृद्धि होगी।
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री ने कहा “हमें मौसम विभाग की ओर से बारिश की चेतावनी मिली है। हम किसानों से अपील करते हैं कि वे अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएं।”
पंजाब के कृषि विशेषज्ञ ने कहा “बारिश से फसलों को नुकसान होने की आशंका है। हम किसानों से अपील करते हैं कि वे अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएं और मौसम विभाग की ओर से जारी चेतावनियों का पालन करें।”
इस बीच किसानों ने अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। वे अपनी फसलों को बारिश से बचाने के लिए आवश्यक उपाय कर रहे हैं।
मौसम विभाग की ओर से जारी चेतावनियों के अनुसार उत्तर भारत में बारिश की आशंका है। इसके लिए किसानों को अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।