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नेहरू की मर्जी के खिलाफ जाकर की इंदिरा प्रियदर्शिनी से शादी, जानें कैसे मिला फिरोज को “गांधी सरनेम”

नई दिल्ली :- साल था 1930 जब देश में आजादी का आंदोलन तेज हो रहा था तो उस दौरान एक और कहानी लिखी जा रही थी। ये कहानी थी दो लोगों के प्यार की। प्रेम की डोर के एक सिरे पर थे फिरोज गांधी तो दूसरी छोर पर थीं देश के सबसे ताकतवर राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वालीं इंदिरा गांधी। इंदिरा की उम्र महज 16 वर्ष ही थी कि उन्हें फिरोज ने शादी का प्रपोजल दे दिया। लेकिन, इंदिरा और उनकी मां ने यह कहते हुए इसे अस्वीकार कर दिया था कि वह बहुत छोटी हैं। हालांकि, बाद में दोनों के प्रेम ने सात फेरे तक का सफर तय किया, मगर ये शादी हुई थी इंदिरा के पिता जवाहरलाल नेहरू की मर्जी के खिलाफ। आज हम आपको इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी के बारे में बताएंगे, जिन्होंने न सिर्फ देश की आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई बल्कि उनकी प्रेम कहानी भी बहुत चर्चित रही।

12 सितंबर 1912 को पैदा हुए स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता और पत्रकार फिरोज जहांगीर गांधी एक पारसी परिवार से आते थे। 1920 के दशक की शुरुआत में उन्होंने अपने पिता को खो दिया। इसके बाद वह अपनी मां के साथ इलाहाबाद आ गए। साल 1930 आते-आते फिरोज की मुलाकात इविंग क्रिश्चियन कॉलेज के बाहर धरना दे रही प्रदर्शनकारियों में शामिल कमला नेहरू और इंदिरा से हुई। इसी दौरान उनके और इंदिरा गांधी के बीच नजदीकियां बढ़ीं। बर्टिल फॉल्क की किताब “फिरोज द फॉर्गोटेन गांधी” में प्रेम कहानी के अनछुए पहलुओं का जिक्र है।

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