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कम दबाव वाला सिस्टम लोपर नामक तूफान में बदला

नई दिल्ली:- भारत के मैदानी और पहाड़ी इलाकों में मॉनसून ने फिर रफ्तार पकड़ ली है। कई राज्यों में भारी बारिश के आसार बन रहे हैं। इस बीच भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने कहा कि बंगाल की खाड़ी से एक कम दबाव वाला सिस्टम लोपर नामक तूफान में बदल गया है।

आईएमडी के मुताबिक, यह सिस्टम पिछले छह घंटों में 7 किलोमीटर प्रति घंटे की गति की रफ्तार से पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ा है। मॉनसून की ट्रफ वर्तमान में सक्रिय है और अपनी सामान्य स्थिति के दक्षिण में स्थित है। अगले 2-3 दिनों तक इसके इसी स्थिति में रहने की उम्मीद है। एक और ट्रफ समुद्र तल पर मौजूद है, जो दक्षिण गुजरात से उत्तरी केरल तक फैली हुई है। इसके अलावा एक चक्रवाती परिसंचरण पूर्वोत्तर अरब सागर और सौराष्ट्र क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है।

 

आईएमडी के अनुसार, अगले 5 दिनों के दौरान गोवा, मध्य महाराष्ट्र, तेलंगाना, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, तटीय कर्नाटक और विदर्भ में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। इसी दौरान केरल, तटीय आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में भी बारी बारिश की संभावना है। वहीं, उत्तर पश्चिम भारत में, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पूर्वी राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में अलग-अलग इलाकों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।

 

मौसम विभाग ने बताया है कि अगले 5 दिनों के दौरान जम्मू-कश्मीर, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिमी राजस्थान में भी हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। आईएमडी ने अपने बुलेटिन में कहा कि 21 जुलाई को पूर्वी राजस्थान में छिटपुट स्थानों पर बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। हिमाचल प्रदेश में 22 और 23 जुलाई को और उत्तराखंड में 20-22 जुलाई के दौरान ऐसी स्थिति बनी रहेगी। अगले 4-5 दिनों के दौरान नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है।

 

IMD ने कहा है कि मूसलाधार बारिश का यह दौर शनिवार शाम तक जारी रह सकता है। ताजा बुलेटिन में कहा गया है कि तूफान की वजह से पश्चिमी ओडिशा में मंगलवार तक भारी बारिश होने का अनुमान है। सीईसी बुलेटिन में आगे कहा गया कि उत्तरी और पश्चिमी ओडिशा में मंगलवार से फिर से मध्यम से भारी बारिश होने की उम्मीद है, जिसमें उत्तरी ओडिशा पर एक चक्रवाती परिसंचरण की उपस्थिति के कारण ऊपरी महानदी, बैतरणी, ब्राह्मणी, बुधबलंगा और सुवर्णरेखा जैसी प्रमुख नदियों का जलग्रहण क्षेत्र और झारखंड शामिल है, जो कि अगले शुक्रवार तक जारी रहेगा।

 

मौसम विभाग के सूत्रों ने कहा कि 19 और 20 जुलाई को उत्तर-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी और उत्तरी आंध्र प्रदेश, ओडिशा तटों पर 45-55 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने का अनुमान है और इसके बाद धीरे-धीरे इसमें कमी आएगी। मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि 19 की रात और 20 जुलाई के दौरान उत्तर-पश्चिम और आसपास के पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी और ओडिशा के तटों पर समुद्र की स्थिति खराब रहने का अनुमान है। मौसम विभाग ने मछुआरों को समंदर में नहीं जाने की सलाह दी है।

 

मौसम विभाग ने एडवायजरी जारी की है, जिसे पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना के मुख्य सचिवों को भेजा गया है। IMD अपनी एडवायजरी में कहा है कि इस दौरान तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश हो सकती है, कहीं-कहीं यह बारिश भारी से अति भारी हो सकती है और तेज हवाओं की वजह से जानमाल को नुकसान पहुंच सकता है। मौसम विभाग ने कहा है कि दक्षिणी और उत्तरी ओडिशा में 20 जुलाई को अति भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के गंगीय इलाकों, तटीय आंध्र प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और विदर्भ के इलाकों में भी तेज बारिश हो सकती है।

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