नई दिल्ली:- समर के बीच सभी राजनीतिक पार्टियां देश भर में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करने का दावा कर रहे हैं। इस बीच शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के वरिष्ठ नेता नरेश गुजराल ने कहा कि इस लोकसभा चुनाव में अगर पंजाब में बीजेपी और अकाली दल साथ मिलकर चुनाव लड़ रही होती तो राज्य की 13 में से 11 सीटों पर इन दोनों पार्टियों के उम्मीदवारों की जीत होती।
बीजेपी-अकाली दल के साथ आने की जताई उम्मीद
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व राज्यसभा सदस्य नरेश गुजराल ने उम्मीद जाताई है कि 2027 के पंजाब विधानसभा चुनाव में किसान और धार्मिक मुद्दे पर बीजेपी और अकाली दल फिर से एक साथ आ सकते हैं। इस दौरान उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार के दौरान कट्टरपंथी ताकतों के बढ़ने का आरोप लगाया।
पंजाब की मौजूदा राजनाति पर उन्होंने कहा, “यहां फिर से कट्टरपंथी ताकतों ने सिर उठाना शुरू कर दिया, जिन्होंने 80 के दशक ने पंजाब को अस्थिर कर दिया था। पंजाब ने उग्र राजनीति देखी है, लेकिन वह ऐसी ताकतों को पनपने नहीं दे सकता। अकाली दल के नेता नरेश गुजराल ने कहा, “अभी पंजाब अस्थिर है। मुझे उम्मीद है कि इन ताकतों पर लगाम लगाई जाएगी।
‘हमारा पारंपरिक वोट शेयर आ रहा वापस’
पंजाब में शिरोमणि अकाली दल की राजनीतिक स्थिति पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार काम करने में नाकाम रही है। कांग्रेस भी अपने वादे पूरे करने में विफल रही है. इस बार पंजाब में अधिकांश उम्मीदवारों ने पाला बदल लिया है, लेकिन अकाली दल एकमात्र ऐसी पार्टी है, जिसके 13 उम्मीदवारों में से एक ही दूसरी पार्टी से आया है। पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को लोगों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है और उन्हें उम्मीद है कि यह वोटों में भी बदलेगा।
पंजाब में हुए पिछले विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “2022 के विधानसभा चुनाव में हमने जो पारंपरिक वोट शेयर खोया था, वह हमारे पास वापस आ रहा है. जो कोई भी 27 फीसदी वोट भी हासिल कर लेगा, वह जीत जाएगा।
बीजेपी के साथ क्यों बिगड़ी गठबंधन?
रिपोर्ट के मुताबिक उनसे पूछा गया कि बीजेपी के साथ गठबंधन में क्या समस्याएं हुई। इस सवाल का जवाब देते हुए नरेश गुजराल ने कहा, “हम किसानों की पार्टी हैं. हम बीजेपी के पुराने गठबंधन सहयोगी थे और हमने किसानों के मुद्दे पर ही उनसे गठबंधन तोड़ा था। इस बार भी बातचीत हुई, लेकिन हम इस बात पर जोर देते रहे कि कुछ मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है, जिसमें किसानों से किए गए वादों को पूरा करना, गुरुद्वारा मामलों में आरएसएस के हस्तक्षेप को रोकना और बंदी सिंह (अपनी सजा पूरी कर चुके सिख कैदी) की तत्काल रिहाई शामिल है।
पूर्व राज्यसभा सदस्य नरेश गुजराल ने कहा कि अगर अकाली दल और बीजेपी साथ मिलकर चुनाव लड़ते तो हम पंजाब की 13 में से 11 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज कर सकते थे। उन्होंने कहा कि जब तक बुनियादी मुद्दों का समाधान नहीं हो जाता, हम 2027 के विधानसभा चुनाव में भी उनके साथ गठबंधन नहीं करेंगे। पूर्व राज्यसभा सदस्य ने कहा, “2024 में हम 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल लड़ रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि बीजेपी हमारी मांगें पूरी करेगी और हम भगवा पार्टी में वापस चले जाएंगे।
पंजाब सरकार को नहीं की जाएगी स्थिर’
आम आदमी पार्टी को लेकर उन्होंने कहा, “यह पार्टी अपनी कार्यकाल पूरा करने की हकदार है, क्योंकि लोगों ने उन्हें पांच साल के लिए जनादेश दिया है। मुझे उम्मीद है कि पंजाब सरकार को अस्थिर करने की कोशिशें नहीं की जाएगी। आम आदमी पार्टी ने वादे किए थे जिन्हें वे पूरा नहीं कर पाए और अब वे फिर से बड़े-बड़े वादे करने लगे हैं। अगर आम आदमी पार्टी इस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है तो इससे पता चलता है कि लोग उनकी सरकार से खुश नहीं हैं।
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