मुंबई(महाराष्ट्र):- फिल्म निर्देशक हंसल मेहता ने हाल ही में फिल्म उद्योग में शोषण के खिलाफ एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। हंसल मेहता ने सिनेमैटोग्राफर प्रतीक शाह के खिलाफ लगे आरोपों के बाद फिल्म उद्योग में शोषण की जांच की मांग की है।
प्रतीक शाह के खिलाफ आरोप
प्रतीक शाह पर हाल ही में शोषण और अनुचित व्यवहार के आरोप लगे हैं। इन आरोपों के बाद हंसल मेहता ने अपने एक्स (पहले ट्विटर) अकाउंट पर एक लंबा नोट साझा किया, जिसमें उन्होंने शोषण के खिलाफ आवाज उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
हंसल मेहता का बयान
हंसल मेहता ने अपने बयान में कहा, “शोषण चुप्पी में पनपता है। यह डर में फैलता है। सत्ता के पदों पर बैठे लोगों द्वारा शोषण की जांच गहनता से की जानी चाहिए और अगर यह सच पाया जाता है, तो इसे बिना किसी देरी के स्पष्ट रूप से उजागर किया जाना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, “कोई भी फिल्म या स्क्रिप्ट किसी की सुरक्षा या मानसिक शांति की कीमत पर नहीं होनी चाहिए। पीड़ितों को आवाज की जरूरत है, उन्हें न्याय की जरूरत है, और उन्हें एक ऐसी व्यवस्था की जरूरत है जो उनकी बात सुने और कार्रवाई करे।”
फिल्म उद्योग में शोषण के खिलाफ आवाज
हंसल मेहता के इस बयान से फिल्म उद्योग में शोषण के खिलाफ एक नई चर्चा शुरू हुई है। कई लोग उनके समर्थन में आगे आ रहे हैं और शोषण के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि फिल्म उद्योग इस मुद्दे पर कैसे प्रतिक्रिया देता है और शोषण के खिलाफ क्या कदम उठाता है।
हंसल मेहता का यह बयान फिल्म उद्योग में शोषण के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है। उनकी आवाज पीड़ितों के लिए एक समर्थन का प्रतीक है और यह उम्मीद जगाती है कि फिल्म उद्योग में शोषण के खिलाफ एक नई शुरुआत होगी। हमें उम्मीद करनी चाहिए कि इस मुद्दे पर आगे भी चर्चा होती रहेगी और फिल्म उद्योग में शोषण के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।