Dastak Hindustan

पतंजलि कैसे -‘ बखिया उधेड़ देंगे ‘ कहने पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जजों ने खोला मोर्चा

पतंजलि कसे :-सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में भ्रामक विज्ञापन के मामलों में सुनवाई करते हुए बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण को कड़ी फटकार लगाई। इसके अलावा, उत्तराखंड सरकार के राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण को भी जमकर सुनाया।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि हम आपकी बखिया उधेड़ देंगे। जज की भाषा पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जजों और पूर्व सीजेआई ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान हमेशा ही संयम के मानक स्थापित किए गए हैं और इसका इस्तेमाल निष्पक्ष बहस के एक मंच के रूम में किया जाता रहा है। पूर्व जजों ने कहा कि ‘हम बखिया उधेड़ देंगे’ कहना सड़क पर मिलने वाली धमकी जैसा ही है और यह कभी भी संवैधानिक कोर्ट के जस्टिस के ओबिटर डिक्टा लेक्सिकॉन का हिस्सा नहीं हो सकता है।

कोर्ट का कहना था कि न्यायिक व्यवहार के मानक, बेंच के अंदर और बाहर दोनों जगह, सामान्य रूप से ऊंचे होते हैं। ऐसा आचरण जो चरित्र, अखंडता में जनता के विश्वास को कमजोर करता है या न्यायाधीश की निष्पक्षता को, उसे त्याग दिया जाना चाहिए। वहीं, तीन साल बाद, रविचंद्रन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, “न्यायिक कार्यालय अनिवार्य रूप से एक सार्वजनिक ट्रस्ट है। इसलिए, समाज को यह उम्मीद करने का अधिकार है कि एक न्यायाधीश उच्च निष्ठावान, ईमानदार व्यक्ति होना चाहिए और उसमें नैतिक शक्ति, नैतिकता होनी चाहिए।”

लाइसेंसिंग प्राधिकरण के अधिकारियों की हुई खिंचाई
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने को लेकर उत्तराखंड लाइसेंसिंग प्राधिकरण की आलोचना की। न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने दिव्य फार्मेसी के खिलाफ शिकायतों पर कार्रवाई में देरी करने के लिए फाइल को आगे बढ़ाने और 2018 से नींद में चले जाने के लिए राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण के अधिकारियों की खिंचाई की। उन्होंने कहा, ”हमें अधिकारियों के लिए ‘बोनाफाइड’ शब्द के इस्तेमाल पर कड़ी आपत्ति है। हम इसे हल्के में नहीं लेंगे। शीर्ष अदालत ने योग गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक बालकृष्ण द्वारा भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने पर बिना शर्त माफी मांगने के लिए दायर हलफनामों को भी स्वीकार करने से इनकार कर दिया।

अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें 

शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *