शिलांग (मेघालय):– आज दोपहर 2:37 बजे पूर्वी गारो हिल्स, मेघालय में रिक्टर स्केल पर 3.5 तीव्रता का भूकंप आया।
जाने किस वजह से आता है भूकंप
जब ज्वालामुखी विस्फोट होता है तो उनके निकटवर्ती क्षेत्रों में हलचल होती है, जिसे भूकंप कहते हैं। कई बार जवालामुखी की ऊपरी कड़ी चट्टानों के अवरोध के कारण लावा बाहर नहीं आ पाता है, जिसके कारण ऊपर की चट्टानों में कम्पन उत्पन्न होता है। इस प्रकार ज्वालामुखी क्षेत्रों में कई बार बिना ज्वालामुखी विस्फोट के भी भूकंप आ जाते हैं।
पृथ्वी अपने जन्म से लेकर अब तक ठंढी होकर सिकुड़ रही है। पृथ्वी के सिकुड़ने से इसके चट्टानों में अव्यवस्था उत्पन्न होती है जिससे कम्पन पैदा होता है और भूकंप आता है।
विद्वानों के अनुसार पृथ्वी का ऊपरी परत “सियाल” हल्का है जो निचले भारी परत “सीमा” पर तैर रहा है। ऊपरी परत पर स्थित हल्की चट्टानों ने ऊपर-नीचे होकर सन्तुलन की व्यवस्था बना ली है। परन्तु जब अपरदन द्वारा उच्च प्रदेशों से शैलचूर्ण अपरदित होकर निम्न प्रदेशों में निक्षेपित होता है तो यह सन्तुलन बिगड़ जाता है। जब चट्टानें इस सन्तुलन को बनाए रखने का प्रयास करती हैं तो उनमें कम्पन उत्पन्न हो जाता है और भूकंप आ जाता है।
भूगर्भिक हलचलों के कारण भूपटल तथा उसकी शैलों में संपीडन एवं तनाव होने से शैलों में उथल-पुथल होती है जिससे भूकंप उत्पन्न होते हैं। विवर्तनिक क्रिया, ज्वालामुखी क्रिया, समस्थितिक समायोजन तथा वितलीय कारणों से भूकंप की उत्पत्ति होती है।