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मणिपुर में भीड़ ने हथियार के लिए घेरा थाना, इंफाल में फिर लगा कर्फ्यू

मणिपुर :- मणिपुर में हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। 31 अक्टूबर को ही मोरेह में एक विद्रोही स्नाइपर द्वारा एसडीपीओ चौधरी आनंद की हत्या कर दी गई। इसके एक दिन बाद बुधवार को बड़ी संख्या में अज्ञात बदमाशों ने इंफाल में सीएम के बंगले के पास स्थित पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया। इस दौरान अज्ञात बदमाशों ने पुलिस से जब्त हथियारों को पास देने की मांग की।

जानकारी के मुताबिक भीड़ ने कथित तौर पर हथियार और गोला-बारूद की मांग करते हुए इंफाल पश्चिम जिले में राजभवन और मुख्यमंत्री कार्यालय के करीब 1 मणिपुर राइफल्स परिसर पर हमला करने की कोशिश की। हालांकि थाना घेरने की कोशिश कर रही भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने कई राउंड हवाई फायरिंग की। पुलिस सूत्रों ने बताया कि झड़प में कुछ लोग घायल भी हुए हैं।

वहीं स्थिति को देखते हुए शहर में फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया है। मणिपुर गृह विभाग ने कानून एवं व्यवस्था की स्थिति में अस्थिरता के चलते इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व में कर्फ्यू में छूट रद्द कर दी है। इससे पहले इन दोनों जिलों में बुधवार से सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक लगाए गए कर्फ्यू में छूट देने का फैसला किया गया था, जिसे अब रद्द कर दिया गया है।

आश्यक सेवाओं से संबंधित व्यक्तियों को कर्फ्यू से छूट :- अधिकारियों के मुताबिक कर्फ्यू के दौरान स्वास्थ्य, बिजली, पीएचईडी, पेट्रोल पंप, स्कूल/कॉलेज, नगर पालिका, प्रेस और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जैसी आवश्यक सेवाओं से संबंधित व्यक्तियों की आवाजाही, अदालतों के कामकाज और हवाई अड्डे और ठेकेदार/कर्मचारी, वैध एयरपोर्ट एंट्री पेनल्ट के साथ उड़ान यात्रियों की आवाजाही को छूट रहेगी।

हथियार लूटने आई थी भीड़ :-

एक अधिकारी ने बताया कि भीड़ के हाथों कुछ हथियार खोने के बाद सीआरपीएफ और सेना की इकाइयों की सहायता से पुलिस ने भीड़ को शस्त्रागार लूटने से रोका और भीड़ को पीछे हटना पड़ा। सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में कई राउंड गोलियां चलाईं।

कुकी छात्रों का बंद का आह्वान :-

बता दें कि राज्य की राजधानी में मंगलवार सुबह मोरेह शहर में आदिवासी उग्रवादियों द्वारा बहुसंख्यक समुदाय से आने वाले एक एसडीपीओ की गोली मारकर हत्या कर दिए जाने के बाद तनाव पैदा हो गया था। इस बीच कुकी छात्र संगठन (केएसओ) ने तेंगनौपाल जिले के मोरेह शहर में अतिरिक्त पुलिस कमांडो की तैनाती के विरोध में 1 नवंबर की आधी रात से राज्य में 48 घंटे के बंद का आह्वान किया है।

3 मई को शुरू हुई हिंसा नहीं ले रही थमने का नाम :- बता दें कि मणिपुर में 3 मई को शुरू हुए जातीय संघर्ष के बाद से हालात सुधरे नहीं है। पूर्वोत्तर राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 180 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। अशांति की शुरुआत पहाड़ी जिलों में आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ से हुई, जिसका उद्देश्य मेइतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में आवाज उठाना था।

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