वाराणसी ( उत्तर प्रदेश):- सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे विष्णु शंकर जैन ने कहा कि ASI ने मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण पर वाराणसी अदालत के आदेश के पालन पर रोक लगा दी है ताकि अंजुम को उच्च न्यायालय के समक्ष इसे चुनौती देने की अनुमति मिल सके… हमारी कानूनी टीम उच्च न्यायालय पहुंच रही है और हम इसका विरोध करेंगे। ज्ञानवापी की सच्चाई ASI के सर्वेक्षण के बाद ही सामने आएगी। उच्च न्यायालय, सुप्रीम कोर्ट की किसी भी टिप्पणी से प्रभावित हुए बिना मामले का फैसला करेगा, इलाहाबाद HC अपनी योग्यता के आधार पर मामले का फैसला करेगा।
इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन एवं ईदगाह के इमाम मौलाना खादिल रशीद फरंगी महली ने ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है हाईकोर्ट में भी हमारे पक्ष को मजबूती मिलेगी। उन्होंने हिंदू पक्ष के दावे पर कहा कि मुसलमान किसी दूसरे धर्म की जगह को अपने इबादत स्थल के रूप में इस्तेमाल नहीं करते हैं। इसके साथ ही इस्लाम के मुताबिक किसी अन्य पूजा स्थल को तोड़कर भी अपना इबादत स्थल नहीं बनाया जा सकता।
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि ASI ने मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण पर वाराणसी अदालत के आदेश के पालन पर रोक लगा दी है, ताकि अंजुम को उच्च न्यायालय के समक्ष इसे चुनौती देने की अनुमति सके। उन्होंने कहा कि हमारी कानूनी टीम उच्च न्यायालय पहुंच रही है और हम इसका विरोध करेंगे। ज्ञानवापी की सच्चाई ASI के सर्वेक्षण के बाद ही सामने आएगी। उच्च न्यायालय, सुप्रीम कोर्ट की किसी भी टिप्पणी से प्रभावित हुए बिना मामले का फैसला करेगा, इलाहाबाद हाईकोर्ट अपनी योग्यता के आधार पर मामले का फैसला करेगा।
दरअसल, पांच हिंदू महिलाओं ने कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद में शिव मंदिर के प्रमाण हैं, इसीलिए यहां का सर्वे कराया जाना चाहिए। इस विवाद की शुरुआत 18 अगस्त 2021 को हुई थी। इससे पहले भी कोर्ट के आदेश पर मस्जिद का सर्वे कराया गया। सर्वे में सामने आई तस्वीरों ने विवाद खड़ा कर दिया। इन तस्वीरों को लेकर हिंदू पक्ष ने दावा करते हुए कहा कि ये मंदिर में बनी कलाकृतियां हैं। इसी बीच मस्जिद के वजूखाने से एक शिवलिंग की तस्वीर भी सामने आई जिसे लेकर असली विवाद शुरू हुआ।