वाराणसी (उत्तर प्रदेश):- हिंदू पक्ष के वकील अधिवक्ता ने वाराणसी में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हिंदू कानून पर हमने विस्तृत रुप से अपना पक्ष रखा। हमने 1995 के SC के फैसले को प्रस्तुत किया, जिसमें कहा गया था कि आप नागरिक अधिकारों और अनुच्छेद 25 के उल्लंघन के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। अदालत कल दोपहर 2 बजे इस पर सुनवाई करेगी। ज्ञानवापी मस्जिद केस में बुधवार को जिला जज ए.के. विश्वेश की कोर्ट में सुनवाई की गई। हिंदू पक्ष ने अपनी दलीलें रखीं। हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने कोर्ट में कहा कि 1991 का वॉरशिप ऐक्ट किसी भी तरीके से इस मामले में लागू नहीं होता है। मुस्लिम पक्ष जिस जमीन पर अपना दावा कर रहा है वो जमीन आदि विश्वेश्वर महादेव की है। उस पर जबरदस्ती नमाज पढ़ी जा रही है। फिलहाल, कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए गुरुवार की तारीख नीयत की है। कल एक बार फिर हिंदू पक्ष अपनी दलीलें रखेगा। आज 120 मिनट तक बहस हुई।
इस समय कोर्ट में वकील कमिश्नर रह चुके विशाल सिंह भी उपस्थित हैं। राइट टू वॉरशिप ऐक्ट पर विष्णु शंकर जैन सुप्रीम कोर्ट के एक पुराने केस का हवाला दे रहे हैं। जैन ने 16वीं शताब्दी का इतिहास बताया। इसके साथ ही काशी का इतिहास, वैभव काशी का हवाला दिया गया. 8 मंडप का जिक्र किया।
हरिशंकर जैन ने कहा कि सर्वे के दौरान गदा, शंख, चक्र, त्रिशूल, कमल, सूर्य के प्रमाण यह साबित करते हैं कि यह मंदिर ही है। पश्चिम में ध्वंस आराध्य स्थल में हिंदू प्रतीकों की बहुल्यता यह साबित करती है कि यही आदि विश्वेश्वर हैं।