नई दिल्ली:- हाल ही में किए गए अध्ययन और स्वास्थ्य रिपोर्टों के मुताबिक हृदय रोग से हर साल लाखों लोग मौत के मुंह में चले जाते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार हर सेकंड इस बीमारी के कारण एक व्यक्ति की मौत हो रही है और यह मौतें आमतौर पर उन लोगों में हो रही हैं जो इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं।
मुख्य तथ्य:
1. हृदय रोग के अंतर्गत दिल की बीमारियाँ, स्ट्रोक और उच्च रक्तचाप जैसी स्थितियां आती हैं।
2. WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) की रिपोर्ट के मुताबिक हृदय रोग अब भी दुनिया भर में मृत्यु दर का प्रमुख कारण बना हुआ है। भारत में हृदय रोग से हर साल लगभग 17 लाख लोग अपनी जान गंवा देते हैं, और यह संख्या तेजी से बढ़ रही है।
3. हृदय रोग के कारण होने वाली मौतों का मुख्य कारण आमतौर पर धूम्रपान, शराब का सेवन, गलत खानपान, शारीरिक श्रम की कमी और मानसिक तनाव जैसी आदतें हैं।
कहाँ हो रही हैं अधिक मौतें?
– उत्तर भारत के शहर जैसे दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में हृदय रोग के कारण मृत्यु दर अधिक है खासतौर पर उन क्षेत्रों में जहां प्रदूषण की स्थिति गंभीर है और खानपान की आदतें ज्यादा अस्वस्थ हैं।
– मेट्रो शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में भी बढ़ते हृदय रोग की दर चिंता का कारण बन गई है। खासकर यहां के लोग देर तक बैठकर काम करने नशे की लत और तनावपूर्ण जीवनशैली का शिकार हो रहे हैं।
क्या आप हृदय रोग के संकेतों को पहचान पा रहे हैं?
– सीने में दर्द या दबाव महसूस होना।
– सांस लेने में तकलीफ और थकान।
– अचानक पसीना आना, उल्टी या घबराहट का एहसास होना।
– शरीर के किसी भी हिस्से में सुन्न पड़ जाना
विशेषज्ञों की सलाह:
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार हृदय रोग को समय रहते पहचानना और उपचार शुरू करना जरूरी है। यदि आपने कभी भी इनमें से कोई लक्षण महसूस किया हो तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा आहार में सुधार, नियमित व्यायाम और मानसिक तनाव को कम करना हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
हृदय रोग की इस खतरनाक महामारी से बचने के लिए हमें अपनी जीवनशैली में सुधार लाना होगा। इसे एक मामूली समस्या समझकर नजरअंदाज करना जानलेवा हो सकता है इसलिए समय पर सावधानी और इलाज जरूरी है।