विवेक मिश्रा की स्पेशल रिपोर्ट
सोनभद्र (उत्तर प्रदेश):- सोनभद्र जिले के सभी प्राथमिक विद्यालयों को मार्च 2025 तक निपुण बनाने की कवायद शुरू हो गई है। मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गंगवार के निर्देशानुसार जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सोनभद्र एवं खंड शिक्षा अधिकारी म्योरपुर विश्वजीत कुमार तथा बभनी प्रेम शंकर राम की उपस्थिति में दोनों खंड के विद्यालयों के प्रभारी के लिए कार्यशाला का आयोजन खंड विकास अधिकारी सभागार म्योरपुर में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि मुख्य विकास अधिकारी , जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी नवीन पाठक एवं डीसी मनरेगा द्वारा दीप प्रज्वलन कर मां सरस्वती की पूजा अर्चना से किया गया, तत्पश्चात खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि का बुके एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कक्षा 1,2 एवं 3 के बच्चों को निपुण बनाने हेतु प्रत्येक कक्षा में निपुण लक्ष्य का निर्धारण किया गया है, जिसे पूरा करने हेतु उन्हें वर्तमान में ए,बी और सी की श्रेणी में बांटा गया है।
मुख्य विकास अधिकारी द्वारा ग्रेड बी और सी के लगभग 200 प्रधानाध्यापकों की उपस्थिति में समीक्षा की गई एवं निपुण बनाने आने वाली चुनौतियों को चिन्हित किया गया एवं उनका सहज समाधान भी प्रस्तुत किया गया। जिला मुख्य विकास अधिकारी द्वारा सभी अध्यापकों को व्यवहार कुशल बनने, नेतृत्वकर्ता के रूप में कार्य करने अभिभावकों एवं समाज से जुड़ने, अपने नजरिया को सकारात्मक रखने तथा सदैव अग्रिम योजनाओं के प्रति तैयार रहते हुए विद्यालय को निपुण बनाने का सुझाव दिया गया।
इस क्रम में बी और सी ग्रेड के विद्यालयों को निपुण बनाने की अंतिम सीमा 31 जुलाई 2024 तक रखी गई ,जिसका प्रत्येक 15 दिन पर मुख्य विकास अधिकारी द्वारा समीक्षा भी किया जाएगा। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा ग्रीष्म शिविर चलाने के लिए एक कार्य योजना भी साझा की गई तथा जो शिक्षक स्वेक्षा से इसमें प्रतिभाग करना चाहते हैं उनको आमंत्रित भी किया गया।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी नवीन पाठक द्वारा “मेरा विद्यालय मेरी पहचान” के नारे के साथ इस मिशन को पूर्ण करने हेतु शिक्षकों में जोश एवं आत्मविश्वास भरने की बात कही गई। डी सी मनरेगा रमेश यादव ने कहा कि शिक्षक मनुष्य का निर्माण करते हैं। उन्होंने विद्यालय की अवस्थापना सुविधाओं जैसे बाउंड्री, शौचालय हेतु यथासंभव सहयोग करने का आश्वासन दिया।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि जिस प्रकार हम अपने घर को सजाते संवारते हैं अपना समझते हैं उसी प्रकार से अपने विद्यालय को भी अपना घर समझे। इस मौके पर एआरपी रजनीश श्रीवास्तव, विनोद कुमार,राम मूर्ति, कृष्ण कान्त, अखिलेश देव पाण्डेय ने महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला।