जयपुर (राजस्थान):- राजस्थान में विधानसभा चुनाव में महज कुछ दिन बाकी रह गए हैं। प्रत्याशी जीत के लिए दौड़- भाग तो आम मतदाता सरकार बनाने के जोड़-भाग में जुटा है। इस बीच कई विधानसभा सीटों पर कुछ रोचक तथ्य भी सामने आ रहे हैं। जिनमें एक दिलचस्प तथ्य सीकर की खंडेला विधानसभा सीट से चुनाव चिन्ह को लेकर सामने आया है। दरअसल यहां कांग्रेस उम्मीदवार महादेव सिंह खंडेला व भाजपा प्रत्याशी के अलावा निर्दलीय उम्मीदवार बंशीधर बाजिया ने चुनावी मुकाबले को त्रिकोणीय बना रखा है, जो पिछली बार भी चुनावी मुकाबले में थे। पर पिछले दो चुनाव से यहां दल बदल व बगावत की ऐसी पटकथा लिखी गई कि इस बार तीनों के चुनाव चिन्ह आपस में ही बदल गए हैं। जो सियासी गलियारों में काफी सुर्खियां बटोर रहे हैं।
बगावत ने यूं बदले सिंबल
खंडेला में 2018 के चुनाव में बंशीधर बाजिया भाजपा, सुभाष मील कांग्रेस और कांग्रेस के बागी महादेव सिंह खंडेला ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। ऐसे में बाजिया का चुनाव चिन्ह कमल, मील का हाथ और महादेव सिंह को कैंची आवंटित हुआ। पर इस बार कांग्रेस से महादेव सिंह खंडेला को टिकट मिलने पर बागी हुए सुभाष मील को भाजपा ने अपने पाले में लेकर टिकट दे दिया।
भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर भाजपा के पिछले उम्मीदवार बंशीधर बाजिया ने निर्दलीय ताल ठोक दी। जिन्हें भी निर्वाचन विभाग ने संयोग से अब कैंची चुनाव चिन्ह ही दिया है। लिहाजा पिछले चुनाव के तीनों उम्मीदवारों के सिंबल इस चुनाव में आपस में ही बदल गए हैं।
सिंबल का विशेष ध्यान रखने का प्रचार
आपस में सिंबल बदलने पर अब तीनों नेता प्रचार में जनता से सिंबल का ही विशेष ध्यान रखने की बात कर रहे हैं। वे जन सभाओ में भी अपने- अपने सिंबल को जोर देकर बताने के साथ उसी पर मत देने का आह्वान कर रहे हैं।