सोनभद्र (उत्तर प्रदेश):- देश के अधीनस्थ न्यायालय कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारी घोषित किए जाने के संबंध में आल इंडिया सुबार्डिनेट कोर्ट स्टाफ एसोसिएशन (AISCSA) के अध्यक्ष डाक्टर अनुराग श्रीवास्तव ने मंगलवार को मुख्य न्यायाधिपति,सर्वोच्च न्यायालय,नई दिल्ली को पत्रक भेजा है। जिसमें न्यायालय कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारी का दर्जा दिलाए जाने की मांग की है।
अखिल भारतीय अधीनस्थ न्यायालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष डाक्टर अनुराग श्रीवास्तव ने मुख्य न्यायाधिपति से निवेदन किया है कि हम भारत के जिला न्यायालय में कार्यरत राज्य कर्मचारी हैं जिनका प्रशासनिक नियंत्रण राज्य स्थित उच्च न्यायालय हैं। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल रिट पेटिशन संख्या 1022/1989 में दिनांक 7.10.2009 को आदेश पारित कर हमें प्रथम राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग द्वारा अनुशंसित लाभ प्रदान किया गया। आदेश में यह भी उल्लिखित था कि यदि राज्य सरकार आदेश का पालन नहीं करती हैं तो कर्मचारी अपने हाई कोर्ट में पेटिशन फाइल कर सकते हैं और संबंधित उच्च न्यायालय उक्त पेटिशन का निस्तारण 3 माह के भीतर करेंगी।
सर्वोच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेश के बावजूद आज तक भारत के किसी भी राज्य में प्रथम राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग(जस्टिस जगन्नाथ शेट्टी आयोग) की सिफारिशों को समग्र रूप से लागू नहीं किया गया है और संबंधित उच्च न्यायालय द्वारा कर्मचारी संगठनों द्वारा दाखिल रिट का अंतिम निस्तारण नहीं किया गया है। न्याय की आस में प्रति वर्ष हमारे साथी सेवानिवृत्त होते जा रहें है और कई साथी दिवंगत भी हो चुके हैं। राज्य कर्मचारी होने के बावजूद अपने अपने राज्य के उच्च न्यायालय के प्रशासनिक नियंत्रण में होने के कारण हमें न तो राज्य कर्मचारियों को प्राप्त होने वाले सभी लाभ प्राप्त हो रहे हैं और न ही हाई कोर्ट कर्मचारियों को प्राप्त हो रहे लाभ प्राप्त हो रहे है ।
जिला न्यायालय में कार्यरत कर्मचारियों को न्यायालय के आदेशों का त्वरित लाभ न मिल पाने का सबसे बड़ा कारण हमारी त्रिशंकु के समान प्रास्थिति है जिसके चलते हमारे लाभ राज्य सरकार और उच्च न्यायालय के बीच पीसते रहते हैं और हम सिर्फ इंतजार करने के लिए मजबूर रहते हैं। भारत के जिला न्यायालय में कार्यरत कर्मचारियों के केंद्रीय संगठन के रूप में संगठन मुख्य न्यायाधिपति,सर्वोच्च न्यायालय से करबद्ध याचना करता है कि हमें अपने अपने उच्च न्यायालय के मौजूद प्रशासकीय नियंत्रण के अधीन केंद्रीय कर्मचारी घोषित किया जाए जिससे हमें मिलने वाले लाभ न्यायिक अधिकारियों की भांति त्वरित गति से प्राप्त हो सके। अखिल भारतीय अधीनस्थ न्यायालय कर्मचारी संघ इस अतुल्य कृपा हेतु मुख्य न्यायाधिपति महोदय का अनंतकाल तक आभारी रहेगा।