कोलकाता (पश्चिम बंगाल):- तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) के सदस्यों ने सिलीगुड़ी में राज्यपाल सीवी आनंद बोस के साथ कुलपतियों की बैठक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उत्तरबंग विश्वविद्यालय में राज्यपाल सीवी आनंद बोस को काला झंडा दिखाया गया है। साथ ही तृणमूल छात्र परिषद के सदस्यों ने नारे भी लगाए है। बताया गया है कि आज राज्यपाल उत्तरबंग विश्वविद्यालय पहुंचे और कुलपति से मुलाकात की। एग्जीक्यूटिव काउंसिल मीटिंग के दौरान राज्यपाल ने कुलपति से करीब एक घंटे तक बातचीत की।
राज्यपाल ने पत्रकारों को बताया कि राज्य में कितने चरणों में पंचायत चुनाव होंगे, इसके लिए राज्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति कर दी गयी है। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में कुलपतियों के साथ बैठक के बाद इस पर निर्णय लिया जायेगा। बाद में विश्वविद्यालय से बाहर निकलते समय तृणमूल छात्र परिषद के सदस्यों ने राज्यपाल को काला झंडा दिखाया और जमकर नारे भी लगाए।
पर्याप्त केंद्रीय बलों की कमी के कारण पंचायत चुनाव के आयोजन में जटिलताएं पैदा हो गई हैं। पत्रों का आदान-प्रदान हुआ और इससे केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सचिवालय नबन्ना के बीच टकराव भी उजागर हुआ। लेकिन इन सबके बीच राज्यपाल के बयान ने राजनीतिक हलकों के साथ-साथ प्रशासनिक हलकों में भी काफी विवाद पैदा कर दिया है।हालांकि, यह व्यावहारिक रूप से स्पष्ट है कि राज्यपाल आगामी पंचायत चुनाव को लेकर चिंतित हैं। उत्तर बंगाल के दौरे पर वह कई जिलों में जमीनी स्तर पर पंचायत चुनाव की स्थिति की जांच करना चाहते हैं। बोस ने पंचायत चुनाव 2023 के संबंध में उनसे मिलने के लिए सभी राजनीतिक संगठनों या आम लोगों का स्वागत किया।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने के दौरान व्यापक हिंसा में पिछले दो हफ्तों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए।
राज्य चुनाव आयुक्त (एसईसी) राजीव सिन्हा ने रविवार शाम कोलकाता के राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की और उन्होंने दो घंटे तक बैठक की। राज्यपाल ने सोमवार को कहा, “मैं लोगों, बचे लोगों…पीड़ितों से मिलना चाहूंगा और समझना चाहूंगा कि इसका उन पर क्या प्रभाव पड़ा है।”