नई दिल्ली:- भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार राज्य का कर्ज एक दशक में तीन गुना बढ़कर 59.6 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह बढ़ती हुई कर्ज की राशि चिंताजनक है और इसके लिए राज्यों को अपनी वित्तीय प्रबंधन नीतियों में सुधार करने की आवश्यकता है।
कर्ज में वृद्धि के कारण
राज्यों के कर्ज में वृद्धि के कई कारण हो सकते हैं जिनमें से कुछ प्रमुख कारण हैं:
–वित्तीय प्रबंधन में कमजोरी: राज्यों के वित्तीय प्रबंधन में कमजोरी के कारण कर्ज में वृद्धि हो सकती है।
– व्यय में वृद्धि: राज्यों के व्यय में वृद्धि के कारण कर्ज में वृद्धि हो सकती है खासकर जब व्यय राजस्व से अधिक हो।
– आर्थिक मंदी: आर्थिक मंदी के दौरान राज्यों के राजस्व में कमी के कारण कर्ज में वृद्धि हो सकती है।
सीएजी की चिंताएं
सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में राज्यों के कर्ज में वृद्धि पर चिंता व्यक्त की है। सीएजी का मानना है कि राज्यों को अपनी वित्तीय प्रबंधन नीतियों में सुधार करने और कर्ज को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है।
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