दिसपुर (असम):- एक तरफ गुजरात में बिपरजाॅय चक्रवात ने जमकर तबाही मचाई है। दूसरी तरफ, अब असम में भारी बारिश के बाद भूस्खलन की घटनाएं शुरू हो गई हैं। असम के 10 जिले ऐसे हैं जहां पानी भर जाने की वजह से 37 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के साथ बैठक करके तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ रसद की आपूर्ति भी बरकरार रखें। भूस्खलन की घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई है। स्थानीय प्रशासन लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को हटाने में लगा हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक भारी बारिश के चलते 10 जिलों के कई इलाकों में पानी भर गया जिससे 37,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक, कामरूप मेट्रोपॉलिटन जिले के धीरेनपाड़ा इलाके में भूस्खलन में मुख्तार अली नामक व्यक्ति की मौत हो गई। स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि एक आवासीय परिसर की चारदीवारी अली के आवास पर गिर गई, जिसके मलबे में दबकर उसकी मौत हो गई। घटना के समय वह सो रहा था।
सबसे ज्यादा प्रभावित है लखीमपुर जिला
रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक 37,535 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। विश्वनाथ, दरांग, धेमाजी, डिब्रूगढ़, होजाई, लखीमपुर, नगांव, सोनितपुर, तिनसुकिया और उदलगुड़ी इस साल बाढ़ की पहली लहर से प्रभावित जिलों में शामिल हैं। शुक्रवार तक राज्य के सात जिलों में बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या 34,189 थी. लखीमपुर सबसे ज्यादा प्रभावित जिला रहा जहां 25,275 लोग बाढ़ से प्रभावित हुई है।
मनसुख मांडविया ने मानसून से पहले बाढ़ प्रबंधन के तहत असम में की जा रही स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा के लिए शनिवार को आयोजित केंद्रीय और राज्य एजेंसियों की एक ऑनलाइन बैठक की अध्यक्षता की। मांडविया ने ट्वीट किया, ‘असम में आने वाले मॉनसून से पहले जन स्वास्थ्य को लेकर तैयारियों के संबंध में राज्य सरकार एवं केंद्रीय स्वास्थ्य संस्थानों के साथ वीडियो कांफ्रेंस की। बाढ़ में जन स्वास्थ्य प्रतिक्रिया पर कार्य करने और स्वास्थ्य आपातकाल के लिए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश भी दिए। साथ ही, आपदा प्रबंधन में केंद्र और राज्य सरकार मिलकर कार्य करे, इस महत्वपूर्ण बिंदु पर भी चर्चा की।