पटना (बिहार):- बिहार में महिलाओं के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बावजूद राज्य में महिलाओं के मतदान प्रतिशत में गिरावट आई है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार बिहार में इस बार के विधानसभा चुनावों में महिलाओं का लिंगानुपात 892 रहा है जो पिछले 15 वर्षों में सबसे कम है।
लिंगानुपात में गिरावट का कारण
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लिंगानुपात में गिरावट का कारण राज्य में महिलाओं की शिक्षा और जागरूकता की कमी हो सकती है। इसके अलावा, राज्य में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या कम होना भी एक कारण हो सकता है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में लिंगानुपात में गिरावट के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से एक कारण यह है कि राज्य में महिलाओं की शिक्षा और जागरूकता की कमी है। इसके अलावा, राज्य में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या कम होना भी एक कारण हो सकता है।
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया
राजनीतिक दलों ने लिंगानुपात में गिरावट के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है। जदयू ने कहा कि राज्य में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं जबकि भाजपा ने कहा कि राज्य में महिलाओं की शिक्षा और जागरूकता की कमी के कारण लिंगानुपात में गिरावट आई है।
महिलाओं की भागीदारी
बिहार में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं जिनमें महिलाओं को शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करने के अलावा उन्हें राजनीतिक भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करना भी शामिल है।
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