नई दिल्ली:- केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 2026 से प्राइवेट छात्रों के लिए अतिरिक्त विषय विकल्प को समाप्त करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से हजारों छात्रों को झटका लगा है, जो अपनी पढ़ाई और करियर की योजनाओं के लिए इस विकल्प पर निर्भर थे।
क्या है अतिरिक्त विषय विकल्प?
अतिरिक्त विषय विकल्प के तहत, प्राइवेट छात्र किसी एक विषय में परीक्षा दे सकते थे, जिसे उन्होंने अपने नियमित स्कूल में नहीं पढ़ा था। यह विकल्प छात्रों को अपनी पढ़ाई और करियर की जरूरतों के अनुसार विषय चुनने की अनुमति देता था।
क्यों हुआ बदलाव?
सीबीएसई ने इस बदलाव का कारण बताते हुए कहा है कि अतिरिक्त विषय विकल्प के तहत छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन के अंक नहीं दिए जा सकते हैं। बोर्ड का कहना है कि यह बदलाव छात्रों के हित में है और इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
छात्रों की प्रतिक्रिया
छात्रों ने इस निर्णय पर निराशा व्यक्त की है। उनका कहना है कि इस बदलाव से उनकी पढ़ाई और करियर की योजनाएं प्रभावित होंगी। कई छात्रों ने तो अपनी पढ़ाई के लिए अतिरिक्त विषय विकल्प पर निर्भर थे, और अब उन्हें अपनी योजनाओं को बदलना होगा।
क्या हैं विकल्प?
सीबीएसई ने कहा है कि प्राइवेट छात्र अब राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) से परीक्षा दे सकते हैं। हालांकि, छात्रों का कहना है कि एनआईओएस से परीक्षा देने के लिए उन्हें सभी विषयों में परीक्षा देनी होगी, जो एक लंबी प्रक्रिया है।
छात्रों की मांग
छात्रों ने सीबीएसई से इस निर्णय को वापस लेने की मांग की है। उनका कहना है कि इस बदलाव से उनकी पढ़ाई और करियर की योजनाएं प्रभावित होंगी। छात्रों ने यह भी मांग की है कि सीबीएसई को इस तरह के बदलाव करने से पहले छात्रों की राय लेनी चाहिए।
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