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Dastak Hindustan - द बंगाल फाइल्स रिव्यू क्या 1946 की घटना के साथ कर पाई न्याय

Dastak Hindustan

द बंगाल फाइल्स रिव्यू क्या 1946 की घटना के साथ कर पाई न्याय

नई दिल्ली :- बंगाल फाइल्स विवेक अग्निहोत्री की नवीनतम राजनीतिक ड्रामा फिल्म है जो 5 सितम्बर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई। यह फिल्म उनकी प्रसिद्ध फाइल्स ट्रायोलॉजी का तीसरा हिस्सा है। इससे पहले वे द ताशकंद फाइल्स और द कश्मीर फाइल्स बना चुके हैं। इस बार निर्देशक ने दर्शकों को 1946 के उस दौर में ले जाने की कोशिश की है जब बंगाल ने अपने इतिहास का सबसे काला और हिंसक अध्याय देखा था।

फिल्म का केंद्र बिंदु ग्रेट कलकत्ता किलिंग्स है जो अगस्त 1946 में हुई थी। इसमें भारी संख्या में लोगों की जान गई और सांप्रदायिक तनाव ने समाज को गहराई तक विभाजित कर दिया। आम ऐतिहासिक फिल्मों की तरह यह केवल सतही घटनाओं को नहीं दिखाती बल्कि राजनीतिक षड्यंत्र आम नागरिकों की पीड़ा और उस दौर की अनदेखी कहानियों को सामने लाती है। निर्देशक ने शोध तथ्यों व्यक्तिगत दृष्टांतों और नाटकीय प्रस्तुतियों को जोड़कर कथा को प्रभावशाली बनाने का प्रयास किया है।

कलाकारों का अभिनय फिल्म को जीवंत बनाता है। प्रमुख भूमिकाओं में कलाकारों ने आम लोगों की त्रासदी और नेताओं की चालों दोनों को गहराई से चित्रित किया है। सिनेमैटोग्राफी ने दंगों के भय और अफरा तफरी को वास्तविकता के करीब दिखाया है। संवाद और पृष्ठभूमि संगीत कहानी को और तीव्र बना देते हैं जिससे दर्शकों पर गहरी छाप पड़ती है।

द बंगाल फाइल्स केवल इतिहास को दोहराने का प्रयास नहीं करती बल्कि यह सवाल उठाती है कि राजनीतिक फैसले कैसे लाखों लोगों की जिंदगी बदल सकते हैं। यह फिल्म दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती है कि सांप्रदायिक नफरत और सत्ता की भूख की कीमत समाज को कितनी भारी पड़ सकती है। हालांकि घटनाओं की व्याख्या पर मतभेद हो सकते हैं लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि यह फिल्म इतिहास के उस अध्याय को सामने लाती है जिसे अक्सर नजरअंदाज किया गया है।

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