नई दिल्ली:- देशभर में मानसून की रफ्तार ने कई जगहों पर भारी बारिश के रूप में दस्तक दी है। ऐसे मौसम में वायरल फीवर, सर्दी-जुकाम, गले में खराश और शरीर में थकावट जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। खासकर कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग तेजी से इन बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। हालांकि, आयुर्वेद में ऐसे कई उपाय हैं, जो बदलते मौसम में शरीर को बीमारियों से बचा सकते हैं और प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बना सकते हैं। नीचे दिए गए आयुर्वेदिक उपाय न केवल शरीर को रोगों से लड़ने के लिए तैयार करते हैं, बल्कि बारिश के मौसम में होने वाले सामान्य संक्रमणों से भी सुरक्षा प्रदान करते हैं।
1. तुलसी-अदरक की चाय
तुलसी, अदरक और काली मिर्च को पानी में उबालकर बनाई गई हर्बल चाय वायरल संक्रमण के लिए रामबाण मानी जाती है। यह गले की खराश, खांसी और सर्दी से तुरंत राहत देती है।
कैसे लें:
- 1 कप पानी में 5 तुलसी पत्ते, 1 इंच अदरक और 2-3 काली मिर्च डालकर उबालें।
- दिन में 1-2 बार सेवन करें।
2. हल्दी वाला दूध
हल्दी में प्राकृतिक एंटीसेप्टिक और एंटीवायरल गुण होते हैं। यह इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ-साथ सर्दी-जुकाम और शरीर की कमजोरी को दूर करता है।
कैसे लें:
- रात को सोने से पहले 1 गिलास गर्म दूध में 1/2 चम्मच हल्दी मिलाकर पिएं।
3.त्रिकटु चूर्ण का सेवन
त्रिकटु (सौंठ, काली मिर्च, पिपली) का चूर्ण पाचन तंत्र को मजबूत करता है और बलगम को कम करने में मदद करता है। यह आयुर्वेदिक चूर्ण सांस संबंधी समस्याओं में भी उपयोगी है।
कैसे लें:
- 1/4 चम्मच त्रिकटु चूर्ण को शहद के साथ दिन में एक बार लें।
- डॉक्टर की सलाह के अनुसार मात्रा समायोजित करें।
4. च्यवनप्राश का सेवन
च्यवनप्राश एक आयुर्वेदिक रसायन है जो इम्यूनिटी को बढ़ाता है और फेफड़ों को मजबूत बनाता है। यह बच्चों और बुजुर्गों दोनों के लिए फायदेमंद है।
कैसे लें:
- रोज सुबह खाली पेट 1-2 चम्मच गुनगुने दूध के साथ लें।
5. भाप लेना (स्टीम थेरेपी)
नाक बंद होना, सिरदर्द और गले में खराश जैसे लक्षणों में स्टीम थेरेपी बेहद लाभकारी है। स्टीम में थोड़ा सा अजवाइन या नीलगिरी का तेल मिलाकर लेने से और भी फायदा होता है।
- गीले कपड़े तुरंत बदलें, बारिश में भीगने के बाद तुरंत गर्म पानी से स्नान करें।
- तेल मालिश करें, खासकर सरसों के तेल से शरीर को गर्म रखने में मदद मिलती है।
- ठंडी चीजों से परहेज करें, जैसे आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक आदि।
- भरपूर नींद लें और तनाव से बचें, क्योंकि मानसिक थकान भी इम्यूनिटी को प्रभावित करती है।
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