पटना (बिहार):- राज्य में शिक्षक नियुक्ति से जुड़े लंबे इंतजार और अनदेखी से नाराज उर्दू TET (टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) अभ्यर्थियों ने मंगलवार को पटना स्थित जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रदेश कार्यालय के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार लगातार आश्वासन दे रही है लेकिन नियुक्ति की प्रक्रिया ठंडे बस्ते में पड़ी है।
अभ्यर्थियों का आरोप है कि शिक्षा विभाग और सरकार की लापरवाही के कारण वे वर्षों से दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। कई बार लिखित आश्वासन और घोषणाओं के बावजूद आज तक उर्दू TET पास उम्मीदवारों की नियुक्ति नहीं की गई। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए तत्पर हैं लेकिन सरकार की बेरुखी उनके भविष्य को अंधकार में धकेल रही है।
नियुक्ति में देरी से गुस्सा
उर्दू TET अभ्यर्थियों ने कहा कि वे परीक्षा पास करने के बाद से लगातार इंतजार कर रहे हैं। राज्य के विभिन्न जिलों से आए अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाया तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि शिक्षक बनने का सपना देखने वाले हजारों युवा उम्रसीमा पार करने की स्थिति में हैं और सरकार की चुप्पी उन्हें निराश कर रही है।
सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप
अभ्यर्थियों ने जदयू नेतृत्व और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। उनका कहना है कि चुनावों के दौरान उन्हें नियुक्ति दिलाने का आश्वासन दिया गया था लेकिन अब कोई सुनवाई नहीं हो रही। अभ्यर्थियों का कहना है कि जिस तरह अन्य विषयों के TET पास अभ्यर्थियों की नियुक्ति हुई, उसी तरह उर्दू TET पास उम्मीदवारों को भी हक मिलना चाहिए।
रोजगार का संकट और शिक्षा पर असर
अभ्यर्थियों ने कहा कि शिक्षा का अधिकार सभी का है और यदि उर्दू जैसे विषयों के शिक्षक नहीं होंगे तो यह सीधे तौर पर विद्यार्थियों के भविष्य पर असर डालेगा। खासकर अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में उर्दू शिक्षकों की कमी गंभीर समस्या है। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने की बात करती है लेकिन जमीनी स्तर पर कदम क्यों नहीं उठाए जाते।
पुलिस की मौजूदगी और शांतिपूर्ण प्रदर्शन
विरोध प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। हालांकि, अभ्यर्थियों ने यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से किया और अपने मांगपत्र को पार्टी पदाधिकारियों को सौंपा। उन्होंने कहा कि अगर उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो वे विधानसभा घेराव और राज्यव्यापी आंदोलन की ओर बढ़ेंगे।
अभ्यर्थियों की मांगें
1. उर्दू TET पास अभ्यर्थियों की त्वरित नियुक्ति।
2. नियुक्ति प्रक्रिया की स्पष्ट समयसीमा जारी की जाए।
3. उम्रसीमा पार करने वाले अभ्यर्थियों के लिए विशेष छूट दी जाए।
4. उर्दू शिक्षकों की कमी को दूर
करने के लिए नए पद सृजित किए जाएं।
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