श्रीनगर :- जम्मू कश्मीर में एक ऐतिहासिक क्षण सामने आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कटरा से श्रीनगर के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस को रवाना किया। यह ट्रेन आधुनिक भारत की तकनीकी प्रगति और कनेक्टिविटी का प्रतीक बन गई है। इस अवसर पर मौजूद पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और जनता को इस सुविधा के लिए बधाई दी।
अपने संबोधन में उमर अब्दुल्ला ने एक भावुक टिप्पणी करते हुए कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे तब उन्हें ऐसे मौकों पर बोलने का अवसर मिलता था। लेकिन अब एलजी साहब को वह स्थान मिला है और उन्हें दर्शक की भूमिका में रहना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह बदलाव उनके लिए व्यक्तिगत रूप से एक डिमोशन जैसा है।
उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि जम्मू कश्मीर को एक बार फिर राज्य का दर्जा दिया जाए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की सच्ची भावना तभी पूरी होगी जब जनता को अपना चुना हुआ प्रतिनिधि और विधानसभा वापस मिलेगी।
उमर अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर की जनता को विकास तो मिल रहा है लेकिन साथ ही उन्हें आत्मसम्मान और अधिकार भी चाहिए। उन्होंने यह बात एक सौम्य लेकिन स्पष्ट स्वर में रखी और प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वह इस दिशा में भी गंभीरता से विचार करें।
इस पूरे कार्यक्रम में जहां एक ओर विकास की नई शुरुआत देखने को मिली वहीं दूसरी ओर यह भी स्पष्ट हुआ कि राजनीतिक आकांक्षाएं और जनभावनाएं अब भी सक्रिय हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस का परिचालन केवल एक रेल सेवा की शुरुआत नहीं बल्कि भविष्य के जम्मू कश्मीर की तस्वीर भी है जिसमें तेज़ विकास के साथ जन अधिकारों का सम्मान भी शामिल होना चाहिए।
अब देश यह देख रहा है कि क्या यह नई शुरुआत जम्मू कश्मीर को उसके पुराने गौरव की ओर फिर से ले जा पाएगी। उमर अब्दुल्ला की यह अपील जनता के बीच जरूर गूंजेगी और आने वाले दिनों में यह मुद्दा एक बार फिर चर्चा में रहेगा।