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RCB विजय जश्न बना मातम: भगदड़ में गई 11 जानें, पहली गिरफ्तारी में मार्केटिंग हेड गिरफ्तार

बेंगलुरु:- बेंगलुरु में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की ऐतिहासिक जीत का जश्न अब एक बड़े हादसे का रूप ले चुका है। आईपीएल 2025 में पहली बार खिताब जीतने के बाद टीम द्वारा आयोजित की गई विजय रैली में लाखों की संख्या में प्रशंसकों की भीड़ उमड़ पड़ी। यह आयोजन बेंगलुरु के प्रसिद्ध एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर किया गया था, जहां उमड़ी भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई। इस घटना में 11 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और 56 से अधिक लोग घायल हो गए।

इस भयावह घटना के बाद पुलिस और प्रशासन ने तुरंत जांच के आदेश दिए, और अब इस मामले में पहली गिरफ्तारी हो चुकी है। आरसीबी के मार्केटिंग प्रमुख को बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस के अनुसार, आयोजन की अनुमति, सुरक्षा इंतजाम और भीड़ प्रबंधन की जिम्मेदारी मार्केटिंग टीम पर थी। शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि आयोजकों ने भीड़ की अनुमानित संख्या को गंभीरता से नहीं लिया और पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई थी।

क्या हुआ था उस दिन?

29 मई को आरसीबी ने अपनी पहली आईपीएल ट्रॉफी जीतने के बाद विजय जुलूस और फैंस मीट का आयोजन किया था। सोशल मीडिया, टीवी और प्रिंट मीडिया के जरिए इस कार्यक्रम का बड़े स्तर पर प्रचार किया गया। लोगों को उम्मीद थी कि विराट कोहली, ग्लेन मैक्सवेल और कप्तान फाफ डु प्लेसिस जैसे स्टार खिलाड़ियों की झलक मिलेगी। परिणामस्वरूप, अनुमान से कई गुना ज्यादा भीड़ उमड़ पड़ी।

भीड़ को नियंत्रित करने के लिए न तो पर्याप्त बैरिकेड्स लगाए गए थे, न ही सुरक्षा कर्मियों की संख्या पर्याप्त थी। प्रवेश द्वारों पर अव्यवस्था फैल गई और लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। कई लोगों को सांस लेने में दिक्कत हुई और कुछ कुचले गए। अस्पताल में भर्ती घायलों में से कई की हालत गंभीर बनी हुई है।

सीआईडी को सौंपी गई जांच

कर्नाटक सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और जांच का जिम्मा सीआईडी को सौंप दिया गया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि चाहे कोई कितना भी बड़ा नाम क्यों न हो, दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने घटना को “मानव लापरवाही का परिणाम” बताते हुए मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।

फैंस में गुस्सा और शोक

इस हादसे के बाद सोशल मीडिया पर RCB की आलोचना हो रही है। प्रशंसक दुखी हैं कि जिस जीत का जश्न ऐतिहासिक होना चाहिए था, वह अब एक दुखद याद बन गया है। कई लोगों ने यह सवाल उठाया है कि बिना टिकट और पंजीकरण के इस तरह के खुले कार्यक्रम का आयोजन क्यों किया गया।

RCB की जीत का यह काला सच एक बार फिर दर्शाता है कि बड़े आयोजनों में सुरक्षा और व्यवस्था की अनदेखी कितनी खतरनाक साबित हो सकती है। अब निगाहें सीआईडी जांच पर हैं, जो यह तय करेगी कि और कौन-कौन इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार है। यह घटना भविष्य में आयोजनों के लिए एक चेतावनी है कि भावनाओं से नहीं, जिम्मेदारी से आयोजन होने चाहिए।

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