उत्तराखंड :- उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। युवती की दर्दनाक हत्या ने न सिर्फ समाज को हिला दिया, बल्कि सत्ता और प्रभावशाली लोगों की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े किए। हाल ही में कोर्ट ने इस मामले में दोषियों को सजा सुना दी है। लेकिन सबसे अहम सवाल आज भी अनुत्तरित है — आखिर वह ‘VIP’ कौन था, जिसके लिए अंकिता पर “एक्सट्रा सर्विस” देने का दबाव बनाया जा रहा था?
क्या था मामला?
2022 में ऋषिकेश के पास एक रिसॉर्ट में काम करने वाली 19 वर्षीय अंकिता भंडारी की रहस्यमय परिस्थितियों में हत्या कर दी गई थी। प्रारंभिक जांच में पता चला कि रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, जो एक पूर्व भाजपा नेता का बेटा है, उस पर अंकिता को खास मेहमानों को “विशेष सेवाएं” देने के लिए मजबूर करने का आरोप था। जब अंकिता ने इसका विरोध किया, तो विवाद इतना बढ़ गया कि उसकी जान ले ली गई।
VIP की पहचान अब भी रहस्य
जांच एजेंसियों ने दोषियों को तो सजा दिलवा दी, लेकिन जिस VIP के लिए यह सब कुछ किया जा रहा था, उसकी पहचान अभी तक सार्वजनिक नहीं हो सकी है। यह वही वीआईपी था जिसकी सेवा के लिए अंकिता पर दबाव बनाया जा रहा था। न पुलिस की चार्जशीट में, न ही किसी अन्य दस्तावेज़ में उस व्यक्ति का नाम स्पष्ट किया गया है। इससे यह संदेह और भी गहरा हो जाता है कि कहीं उस प्रभावशाली व्यक्ति को बचाने की कोशिश तो नहीं हो रही?
राजनीतिक और प्रशासनिक दबाव?
अभियोजन के दौरान कई बार यह आरोप लगे कि जांच एजेंसियों पर राजनीतिक दबाव था। अंकिता के परिजनों और समाजसेवियों ने मांग की थी कि इस केस की सीबीआई जांच होनी चाहिए, ताकि असलियत सामने आ सके। लेकिन राज्य सरकार ने यह मांग खारिज कर दी। अब जब दोषियों को सजा हो चुकी है, फिर भी VIP की पहचान उजागर न होना न्याय प्रणाली पर एक सवालिया निशान लगाता है।
जनता में नाराज़गी
सोशल मीडिया से लेकर ज़मीनी स्तर तक इस केस को लेकर गुस्सा देखा गया। हजारों लोग सड़कों पर उतरे, मोमबत्ती मार्च निकाले गए।