वाशिंगटन (अमेरिका):- हाल ही में अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच एक नाम अचानक सुर्खियों में आ गया है—शी मिंगजे। ये नाम इसलिए खास है क्योंकि यह किसी आम व्यक्ति का नहीं, बल्कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की बेटी का है। अमेरिका में चीनी छात्रों के वीजा रद्द करने और उच्च शिक्षा संस्थानों की फंडिंग में कटौती की चर्चाओं के बीच यह सवाल उठने लगा है कि क्या शी मिंगजे को भी अमेरिका से निकाला जा सकता है?
शी मिंगजे ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से शिक्षा प्राप्त की है और यह बात कई सालों से एक रहस्य बनी हुई थी। चीन की सत्ता हमेशा अपने नेताओं के परिवारों की जानकारी को गोपनीय रखती है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स और खुफिया सूत्रों के मुताबिक, शी मिंगजे ने अमेरिका में गुप्त नाम से पढ़ाई की, ताकि उनकी पहचान उजागर न हो सके। वह उच्च कोटि की शिक्षा प्राप्त करने वाली, बेहद बुद्धिमान और टेक्नोलॉजी व न्यूरोसाइंस के क्षेत्र में रुचि रखने वाली छात्रा मानी जाती हैं। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, वह “ब्रेन रिसर्च” यानी मस्तिष्क से जुड़ी वैज्ञानिक परियोजनाओं पर काम कर रही हैं।
अब सवाल उठता है—क्या शी मिंगजे को वाकई अमेरिका से निकाला जा सकता है?
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान चीन के प्रति कठोर नीति अपनाई गई थी। ट्रंप प्रशासन ने कई बार चीनी छात्रों पर यह आरोप लगाया कि वे जासूसी के मकसद से अमेरिका आते हैं और संवेदनशील तकनीकी जानकारी हासिल करते हैं। इसके चलते हजारों चीनी छात्रों के वीजा रद्द किए गए। अगर ऐसी ही नीति फिर से लागू होती है, तो यह संभव है कि इसका असर शी मिंगजे पर भी पड़े, भले ही उनका रुतबा और पहचान कितनी ही बड़ी क्यों न हो।
हालांकि, यह भी सच है कि शी मिंगजे जैसी हाई-प्रोफाइल हस्ती पर सीधा एक्शन लेना अमेरिका के लिए कूटनीतिक दृष्टिकोण से काफी संवेदनशील मुद्दा होगा। इससे अमेरिका-चीन संबंधों में और ज्यादा तनाव आ सकता है। वहीं, चीन अपनी नागरिकों की सुरक्षा और गरिमा को लेकर बेहद सजग रहता है, खासकर जब मामला राष्ट्रपति के परिवार का हो।