नई दिल्ली:- एक ताजा सर्वेक्षण में पाया गया है कि ऑपरेशन सिंधुर के बाद भारत में वैश्विक आशावाद में वृद्धि हुई है। इप्सोस द्वारा किए गए “वाट वॉरीज द वर्ल्ड” सर्वेक्षण के मई 2025 संस्करण के अनुसार, भारत ने अपनी वैश्विक रैंकिंग में चौथा स्थान बनाए रखा है और राष्ट्रीय आशावाद में 3 प्रतिशत अंक की वृद्धि दर्ज की गई हैl
क्या है ऑपरेशन सिंधुर?
ऑपरेशन सिंधुर एक सैन्य अभियान है जिसे हाल ही में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाकर चलाया गया था। इस अभियान के बाद भारत में आशावाद में वृद्धि देखी गई है।
सर्वेक्षण के प्रमुख निष्कर्ष
– 65% भारतीयों का मानना है कि देश सही दिशा में आगे बढ़ रहा है, जो पिछली रिपोर्ट की तुलना में 3 प्रतिशत अंक अधिक है।
– वैश्विक औसत 37% है, जिसमें विकसित देशों में pessimism की भावना अधिक है।
– फ्रांस, दक्षिण कोरिया और पेरू जैसे देश सबसे निचले स्थान पर हैं, जहां प्रत्येक देश में 20% से कम लोगों ने अपने राष्ट्रीय पथ में विश्वास व्यक्त किया है।
वैश्विक रैंकिंग
भारत ने अपनी वैश्विक रैंकिंग में चौथा स्थान बनाए रखा है जबकि सिंगापुर, मलेशिया और इंडोनेशिया शीर्ष तीन स्थानों पर हैं। इन देशों में आशावाद की भावना अधिक है जो वैश्विक औसत से कहीं अधिक है।
आशावाद के कारण
अमित अदरकड़, सीईओ, इप्सोस इंडिया के अनुसार, भारत की आशावादी भावना के पीछे कई कारण हैं। इनमें देश की भौगोलिक स्थिति, घरेलू खपत और जनसांख्यिकीय लाभ शामिल हैं।
ऑपरेशन सिंधुर के बाद भारत में आशावाद में वृद्धि एक सकारात्मक संकेत है। यह देश की आर्थिक वृद्धि और विकास के प्रति लोगों के विश्वास को दर्शाता है। हालांकि वैश्विक स्तर की भावना को देखते हुए, भारत को अपनी आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने के लिए काम करना होगा।