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अंकिता भंडारी हत्याकांड: न्याय की जीत

उत्तराखंड:- उत्तराखंड की एक अदालत ने अंकिता भंडारी हत्याकांड में बड़ा फैसला सुनाया है। इस मामले में रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य और उसके दो कर्मचारियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इन तीनों को 19 वर्षीय रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या का दोषी पाया गया था।

क्या था मामला?

अंकिता भंडारी ऋषिकेश के वनांतर रिसॉर्ट में काम करती थी। आरोप है कि पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों के साथ मिलकर अंकिता की हत्या कर दी थी, क्योंकि उसने एक वीआईपी गेस्ट को “अतिरिक्त सेवाएं” देने से इनकार कर दिया था। अंकिता के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी बेटी 18 सितंबर 2022 से लापता है। बाद में उसका शव ऋषिकेश के चिल्ला नहर से बरामद किया गया था।

सबूत और जांच

पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की और 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। जांच में पता चला कि पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों के साथ मिलकर अंकिता को नहर में धकेल दिया था। अदालत ने इस मामले में 47 गवाहों के बयान दर्ज किए।

अदालत ने पुलकित आर्य सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को आईपीसी की धारा 302 के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा उन पर क्रमशः 72,000 रुपये और 62,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यह फैसला अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश रीना नेगी ने सुनाया ।

अंकिता के बयान का महत्व

अंकिता के एक दोस्त पुष्प दीप ने बताया था कि अंकिता ने उसे बताया था कि उसे “अतिरिक्त सेवाएं” देने के लिए 10,000 रुपये की पेशकश की गई थी, लेकिन उसने इनकार कर दिया था। अंकिता ने कहा था “मैं गरीब हूं, लेकिन क्या मैं 10,000 रुपये के लिए खुद को बेच दूंगी?” यह बयान इस मामले में महत्वपूर्ण सबूत साबित हुआ।

अंकिता भंडारी हत्याकांड में न्याय की जीत हुई है। दोषियों को सजा मिलने से अंकिता के परिवार और दोस्तों को थोड़ी राहत मिली है। यह मामला उत्तराखंड में महिला सुरक्षा और अधिकारों के मुद्दे पर चर्चा का विषय बना रहा।

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