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ट्रम्प का व्यापारिक एजेंडा: शुल्कों पर रोक और अब स्थगन

वाशिंगटन(अमेरिका):- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में चीन के साथ व्यापारिक तनाव को कम करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन ने 90 दिनों के लिए शुल्कों पर रोक लगाने पर सहमति व्यक्त की है जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में सुधार हो सकता है।

शुल्कों पर रोक का क्या अर्थ है?

इस समझौते के तहत अमेरिका ने चीन पर लगने वाले शुल्कों को 145% से घटाकर 30% करने का फैसला किया है जबकि चीन ने भी अमेरिका पर लगने वाले शुल्कों को 125% से घटाकर 10% करने का वादा किया है। हालांकि स्टील और एल्युमीनियम पर लगने वाले शुल्क अभी भी लागू रहेंगे ।

चीन के साथ व्यापारिक तनाव

ट्रम्प प्रशासन ने चीन पर आरोप लगाया है कि वह अपनी मुद्रा में हेरफेर कर रहा है बौद्धिक संपदा की चोरी कर रहा है के निर्यात के माध्यम से अमेरिका में समस्या पैदा कर रहा है। चीन ने इन आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि ट्रम्प की शुल्क नीति जबरदस्ती और राजनीतिक रूप से प्रेरित है।

शुल्कों पर रोक का भविष्य

यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि 90 दिनों के बाद शुल्कों पर रोक का क्या होता है। यदि दोनों देश एक दीर्घकालिक समझौते पर पहुंचने में सफल होते हैं तो शुल्कों पर रोक को आगे बढ़ाया जा सकता है। हालांकि समझौता नहीं हो पाता है तो शुल्क फिर से बढ़ सकते हैं।

व्यापारिक तनाव का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। शुल्कों में वृद्धि ने व्यापार को कम किया है और आर्थिक विकास को धीमा किया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि शुल्कों पर रोक से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है।

ट्रम्प का व्यापारिक एजेंडा हमेशा से ही विवादास्पद रहा है और शुल्कों पर रोक और स्थगन ने एक नए अध्याय की शुरुआत की है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि दोनों देश अपने व्यापारिक संबंधों में सुधार करने में सफल होते हैं या नहीं। यदि वे सफल होते हैं तो यह वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत होगा।

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