नई दिल्ली:- भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए संघर्ष में, भारत ने अपनी सैन्य क्षमताओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को शामिल करके एक नए युग की शुरुआत की है। इस तकनीक ने भारत को पाकिस्तान के हवाई हमलों को विफल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में मदद की।
एआई-संचालित युद्ध प्रणाली
भारत की एआई-संचालित युद्ध प्रणाली ने दुश्मन की गतिविधियों की भविष्यवाणी करने और सटीक हमले करने में मदद की। एआई एल्गोरिदम ने उपग्रह छवियों का विश्लेषण किया और दुश्मन की स्थिति की भविष्यवाणी की, जिससे भारतीय सेना को सटीक हमले करने में मदद मिली।
ड्रोन और एआई की भूमिका
भारत ने अपने सैन्य अभियानों में ड्रोन और एआई को महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए शामिल किया है। इजरायली निर्मित हारोप ड्रोन ने पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली को निशाना बनाने में मदद की, जबकि एआई-संचालित सेंसर ने दुश्मन की गतिविधियों की निगरानी की।
एकीकृत युद्ध प्रबंधन प्रणाली
भारत की एकीकृत युद्ध प्रबंधन प्रणाली (आईबीएमएस) ने विभिन्न सेंसरों से डेटा को एकत्रित करने और विश्लेषण करने में मदद की, जिससे सेना को सूचित निर्णय लेने में मदद मिली। एआई एल्गोरिदम ने डेटा का विश्लेषण किया और दुश्मन की गतिविधियों की भविष्यवाणी की, जिससे सेना को सटीक हमले करने में मदद मिली।
साइबर युद्ध और मिसइन्फॉर्मेशन
भारत ने साइबर युद्ध में भी अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया। साइबर विशेषज्ञों ने पाकिस्तान द्वारा फैलाई जा रही मिसइन्फॉर्मेशन का मुकाबला किया और दुश्मन की साइबर गतिविधियों की निगरानी की। भारत की एआई-संचालित युद्ध प्रणाली ने पाकिस्तान के हवाई हमलों को विफल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह तकनीक भारत को भविष्य में भी अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करेगी। भारत की एआई-संचालित युद्ध प्रणाली एक नए युग की शुरुआत है, जिसमें तकनीक और सैन्य क्षमता का समन्वय होगा।