नई दिल्ली:- निफ्टी50 में बुल कॉल स्प्रेड रणनीति अपनाने के पीछे क्या कारण हो सकते हैं? आइए जानते हैं बुल कॉल स्प्रेड एक प्रकार की विकल्प रणनीति है जिसमें दो विकल्प शामिल होते हैं – एक एट-द-मनी (एटीएम) विकल्प और एक आउट-द-मनी (ओटीएम) विकल्प। इस रणनीति में आप एटीएम विकल्प को खरीदते हैं और ओटीएम विकल्प को बेचते हैं।
बुल कॉल स्प्रेड के फायदे
बुल कॉल स्प्रेड रणनीति के कई फायदे हैं
– नुकसान की सीमा: बुल कॉल स्प्रेड में नुकसान की सीमा तय होती है जो कि नेट डेबिट के बराबर होती है।
– लाभ की सीमा: बुल कॉल स्प्रेड में लाभ की सीमा भी तय होती है जो कि स्प्रेड और नेट डेबिट के बीच का अंतर होता है।
– कम लागत: बुल कॉल स्प्रेड में कम लागत के साथ व्यापार करना संभव है क्योकि आप ओटीएम विकल्प को बेचकर प्रीमियम प्राप्त कर सकते हैं।
बुल कॉल स्प्रेड के नुकसान
बुल कॉल स्प्रेड रणनीति के कुछ नुकसान भी हैं:
– लाभ की सीमा: बुल कॉल स्प्रेड में लाभ की सीमा तय होती है जो कि स्प्रेड और नेट डेबिट के बीच का अंतर होता है।
– नुकसान की संभावना: बुल कॉल स्प्रेड में नुकसान की संभावना भी होती है अगर बाजार आपकी उम्मीदों के विपरीत चलता है।
बुल कॉल स्प्रेड कैसे काम करता है?
बुल कॉल स्प्रेड रणनीति को समझने के लिए आइए एक उदाहरण देखें:
मान लें कि निफ्टी50 का मूल्य 15,000 है और आप इसे 15,500 तक जाने की उम्मीद करते हैं। आप 15,000 के एटीएम विकल्प को खरीदते हैं और 15,500 के ओटीएम विकल्प को बेचते हैं। बुल कॉल स्प्रेड एक प्रभावी विकल्प रणनीति है जो निफ्टी50 में व्यापार करने के लिए उपयुक्त हो सकती है। इस रणनीति में नुकसान की सीमा तय होती है और लाभ की सीमा भी तय होती है। हालांकि इस रणनीति में नुकसान की संभावना भी होती है इसलिए व्यापार करने से पहले अच्छी तरह से विचार करना चाहिए।