नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस पर पलटवार किया है जिन्होंने दावा किया था कि भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र “भूमि से घिरा हुआ” है और समुद्र तक पहुँच के लिए बांग्लादेश पर निर्भर है।
जयशंकर ने बताया कि भारत के पास 6,500 किलोमीटर लंबी तटरेखा है और यह उप-क्षेत्रीय सहयोग पहल BIMSTEC में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र तेज़ी से कनेक्टिविटी हब के रूप में उभर रहा है जहाँ प्रमुख बुनियादी ढाँचा परियोजनाएँ हैं जो इसे सड़कों, रेलमार्गों और जलमार्गों से जोड़ती हैं।
चीन की अपनी यात्रा पर यूनुस ने सुझाव दिया कि बांग्लादेश पूर्वोत्तर के बारे में “समुद्री पहुँच का संरक्षक” है। इसने चीन के साथ कई समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए जिसके परिणामस्वरूप 2.1 बिलियन डॉलर का वित्तीय पैकेज मिला। उनकी टिप्पणियों पर भारत से भी कड़ी प्रतिक्रियाएँ आईं जिनमें असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी शामिल थे जिन्होंने इसे “आक्रामक” और “भड़काऊ” बताया।
सरमा ने चिकन नेक कॉरिडोर की रणनीतिक कमज़ोरी पर भी ध्यान दिलाया जो पूर्वोत्तर को शेष भारत से जोड़ता है।
भारत ने ऐतिहासिक रूप से व्यापार के लिए बांग्लादेश के चटगाँव बंदरगाह का इस्तेमाल किया है और कूटनीतिक संबंध मज़बूत रहे हैं। लेकिन यूनुस के बयान ने क्षेत्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के बारे में नई बहस को फिर से हवा दे दी है।