नई दिल्ली : वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को लोकसभा में 288 वोटों के साथ पारित किया जाना और 232 वोटों के विरोध में ऐसा हंगामा क्यों मचा रहा है? जबकि भाजपा और उसके सहयोगियों सहित बिल के समर्थकों का कहना है कि यह वक्फ बोर्डों में पारदर्शिता लाएगा, विपक्ष इसे धर्मनिरपेक्षता पर हमला मानता है।
तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा ने बिल पर हमला किया और इसे “अनुचित” और “धर्मनिरपेक्ष भारत के लिए काला दिन” करार दिया। उन्होंने केवल 50 वोटों के मामूली अंतर पर ध्यान दिलाया और कहा कि यह बिल लोगों की इच्छा का प्रतिनिधित्व नहीं करता है।
“यह केवल पार्टी व्हिप और दो सहयोगियों की वजह से पारित हुआ।” मोइत्रा ने कहा, “संशोधनों से मुस्लिम समुदाय में भय का माहौल है।” समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुला नदवी ने भी विधेयक पर हमला करते हुए इसे असंवैधानिक और “भारत में मुसलमानों के लिए अब तक का सबसे खराब कानून” करार दिया।
पिछले साल अगस्त में प्रस्तावित इसी तरह के विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर इसे संशोधित किया गया था। हालांकि विपक्ष द्वारा सुझाए गए प्रस्तावित संशोधनों को खारिज कर दिया गया।