इटली : अब इटली के वैज्ञानिकों के एक चौंकाने वाले नए अध्ययन में पाया गया है कि माइक्रोप्लास्टिक पौधों के जीवन को नष्ट कर रहे हैं, गेहूं, चावल और मक्का जैसी फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और वैश्विक स्तर पर खाद्य सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं। अनुमानों के अनुसार अगर यह प्रवृत्ति जारी रही तो 2040 तक 400 मिलियन लोग भूख से मर सकते हैं।
प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि माइक्रोप्लास्टिक – अपशिष्ट प्रदूषण से आने वाले छोटे कण ने पौधों की प्रकाश संश्लेषण की क्षमता को बाधित कर दिया है। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि इस अदृश्य खतरे के कारण 4 प्रतिशत से 14 प्रतिशत मुख्य फसलें पहले ही नष्ट हो चुकी हैं।
खाद्य उत्पादन को या तो अनुकूलन करना होगा या जलवायु परिवर्तन की तरह ही विलुप्त होने का सामना करना होगा और 2058 तक दुनिया की आबादी 10 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है। माइक्रोप्लास्टिक संदूषण से मुक्त पर्याप्त भोजन उगाना एक बड़ी चुनौती पेश करेगा।
माइक्रोप्लास्टिक सर्वव्यापी हैं – समुद्र की गहराई से लेकर माउंट एवरेस्ट की चोटियों तक मिट्टी को खराब कर रहे हैं, सूरज की रोशनी को बाधित कर रहे हैं और जहरीले रसायनों को आश्रय दे रहे हैं। प्रमुख शोधकर्ता और नानजिंग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हुआन झोंग ने चेतावनी दी कि खाद्य उत्पादन बढ़ाने के वर्षों के प्रयास खतरे में पड़ रहे हैं।