इंफाल (मणिपुर):- मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने उग्रवादियों और आम जनता से लूटे गए या अवैध रूप से रखे गए हथियार सात दिनों के भीतर सरेंडर करने का अल्टीमेटम दिया है। राज्यपाल ने साफ कहा है कि तय समय सीमा के भीतर हथियार जमा करने वालों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी लेकिन डेडलाइन के बाद ऐसा न करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मणिपुर में दो साल से जातीय संघर्ष
गौरतलब है कि मणिपुर में पिछले दो वर्षों से मैतेई और कुकी समुदाय के बीच तनाव जारी है। इसी के चलते मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और उनके कैबिनेट ने 9 फरवरी को इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया।
सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर
राज्य में शांति बहाल करने के लिए सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। हाल ही में इंफाल पश्चिम जिले में जबरन वसूली में शामिल तीन उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया जबकि कांगपोकपी जिले में सुरक्षा बलों ने अवैध अफीम की खेती को नष्ट कर दिया।
अवैध घुसपैठ भी बड़ी चुनौती
पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि मणिपुर प्रशासन 3 मई 2023 से अवैध घुसपैठ से निपटने के लिए लगातार संघर्ष कर रहा है। वहीं केंद्र सरकार भी राज्य में कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए पूरी तरह सतर्क है।
क्या होगा आगे?
अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि 7 दिन बाद हालात क्या रुख लेते हैं। अगर उग्रवादी तय समय में हथियार नहीं लौटाते हैं तो सुरक्षाबल सख्त कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार हैं।