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दुकानों पर जले हुए तेल की कचौरी-पकौड़े का आपको भी भाता है स्वाद, जानिए कैंसर और हार्ट अटैक का कितना ज्यादा है खतरा

नई दिल्ली : दुकानों में इस्तेमाल किए जाने वाले तेल काफी ज्यादा रियूज्ड रहता है।  ऐसे में उसमें तले हुए पकौड़े और कचौड़ी कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं। ऐसी चीजें आपको काफी ज्यादा बीमार कर सकती है।

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जले तेल से तला जा रहा समोसा, आलू चॉप लेकिन व्यवसाई काे पक्ष-शाम तक खत्म हो जाता है तेल
बिष्टुपुर सिग्नल के पास समोसा, आलू चॉप  और प्याजी की दुकान है। यहां भी जले हुए तेल में समोसा तला जा रहा था। जले हुए तेल का बार बार इस्तेमाल होता रहता है। वहीं दुकानदार छोटू गोराई का कहना है क वे हिमानी बेस्ट ब्रांड का रिफाइंड तेल का उपयोग करते है। जो तेल जल कर बचता है उसे दोबारा उपयोग नहीं करते है। कढ़ाही में तेल जरुरत के हिसाब से डालते है जो शाम तक समाप्त हो जाता है।

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तेल को बार बार गर्म करने से कैंसर उत्पन्न करने वाले तत्व आ जाते हैं
तेल बार बार गर्म करने से कैंसर उत्पन्न करने वाले तत्व आ जाते हैं। इनसे बने खाने से गॉल ब्लेडर या पेट का कैंसर होने का खतरा है। जले हुए तेल में धीरे-धीरे फ्री रेडिकल्स का निर्माण होने लगता है। इन रेडिकल्स के रिलीज होने से तेल में एंटी ऑक्सीडेंट की मात्रा समाप्त हो जाती है। इस तेल के सेवन से बॉडी में कोलेस्ट्रोल का लेवल बढ़ता है और मोटापा बढ़ता है। एसिडिटी और दिल की बीमारी भी हो सकती है।

ICMR की रिसर्च रिपोर्ट

ICMR(इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) ने हाल ही में अपनी गाइडलाइन में यह निर्देश दिए हैं कि बार-बार रियूज्ड तेल के इस्तेमाल करने से कई सारी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है। इसके कारण दिल की बीमारी और कैंसर के खतरा बढ़ाती है।

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