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अमरीका से निर्वासित प्रवासियों को लेकर ग्वांतानामो खाड़ी में उतरा पहला सैन्य विमान

ग्वांतानामो खाड़ी(क्यूबा):-संयुक्त राज्य अमेरिका से निर्वासित प्रवासियों को लेकर पहला सैन्य विमान मंगलवार को ग्वांतानामो खाड़ी स्थित अमेरिकी नौसेना अड्डे पर उतरा। यह घटनाक्रम अमेरिकी प्रशासन की बदलती नीतियों और दक्षिणी सीमा पर बढ़ते मानवीय संकट को दर्शाता है। विमान में सवार प्रवासियों की संख्या और उनकी राष्ट्रीयता के बारे में तत्काल कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि इनमें अधिकांश क्यूबा और हैती के नागरिक हैं जो अपने देशों में राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक संकट और प्राकृतिक आपदाओं से भाग रहे हैं। यह पहली बार है कि ग्वांतानामो खाड़ी का उपयोग निर्वासित प्रवासियों के लिए एक पारगमन केंद्र के रूप में किया गया है।

इस कदम ने मानवाधिकार संगठनों और आप्रवासी अधिवक्ताओं के बीच चिंताएं बढ़ा दी हैं जिन्होंने ग्वांतानामो में हिरासत की स्थितियों और कानूनी प्रक्रिया की कमी के बारे में वर्षों से आवाज उठाई है। उनका तर्क है कि ग्वांतानामो में प्रवासियों को रखना न केवल अमानवीय है बल्कि अमेरिकी और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का भी उल्लंघन है।”यह निंदनीय है कि बाइडेन प्रशासन निर्वासित प्रवासियों को ग्वांतानामो जैसे बदनाम स्थान पर भेज रहा है” एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक प्रवक्ता ने कहा “ग्वांतानामो यातना और अन्याय का प्रतीक है और इसका उपयोग किसी भी परिस्थिति में नहीं किया जाना चाहिए खासकर शरण चाहने वालों के साथ व्यवहार करने के लिए।”

प्रशासन के अधिकारियों ने इस कदम का बचाव करते हुए कहा कि यह दक्षिणी सीमा पर बढ़ती भीड़ को प्रबंधित करने और यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि सभी प्रवासियों के साथ मानवीय और कानूनी तरीके से व्यवहार किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि ग्वांतानामो में प्रवासियों को अस्थायी रूप से रखा जाएगा और उनकी आव्रजन स्थिति का आकलन करने के बाद उन्हें मुख्य भूमि पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा।“हम दक्षिणी सीमा पर एक अभूतपूर्व चुनौती का सामना कर रहे हैं और हमें यह सुनिश्चित करने के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करना होगा कि हम इस स्थिति को प्रभावी ढंग से प्रबंधित कर सकें” एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा।

ग्वांतानामो में प्रवासियों को रखने का निर्णय हल्के में नहीं लिया गया था लेकिन यह आवश्यक था ताकि हम सभी के साथ उचित और मानवीय तरीके से व्यवहार कर सकें।”हालांकि आलोचकों का तर्क है कि ग्वांतानामो में प्रवासियों को रखने का निर्णय प्रशासन की विफल आव्रजन नीतियों का एक और सबूत है। उनका कहना है कि प्रशासन को सीमा पर मानवीय संकट के मूल कारणों को संबोधित करने और मध्य अमेरिका और कैरेबियन देशों में स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए अधिक प्रयास करने चाहिए।

ग्वांतानामो में प्रवासियों को रखना एक अल्पकालिक समाधान है जो सीमा पर वास्तविक समस्याओं को संबोधित नहीं करता है” एक आप्रवासी अधिकार कार्यकर्ता ने कहा। “हमें एक व्यापक आव्रजन सुधार की आवश्यकता है जो शरण चाहने वालों के अधिकारों की रक्षा करे और सभी के लिए एक निष्पक्ष और न्यायपूर्ण आव्रजन प्रणाली प्रदान करे।”इस घटनाक्रम ने ग्वांतानामो खाड़ी के भविष्य के बारे में भी सवाल खड़े कर दिए हैं। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ग्वांतानामो निरोध केंद्र को बंद करने का वादा किया था लेकिन वह ऐसा करने में विफल रहे।

राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी निरोध केंद्र को बंद करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है लेकिन ऐसा लगता नहीं है कि निकट भविष्य में ऐसा होने की संभावना है।ग्वांतानामो में निर्वासित प्रवासियों का आगमन इस बात का संकेत है कि यह सुविधा निकट भविष्य के लिए खुली रहने वाली है। यह न केवल मानवाधिकार संगठनों के लिए चिंता का कारण है, बल्कि उन लोगों के लिए भी है जो ग्वांतानामो को यातना और अन्याय का प्रतीक मानते हैं।

इस खबर के सामने आने के बाद कई डेमोक्रेटिक सांसदों ने प्रशासन से ग्वांतानामो में प्रवासियों को रखने के निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। उन्होंने तर्क दिया कि यह कदम अमेरिकी मूल्यों और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है।”ग्वांतानामो हमारे देश के मूल्यों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है” सेन बर्नी सैंडर्स ने कहा। “हमें दुनिया को यह दिखाना चाहिए कि हम शरण चाहने वालों के साथ सम्मान और गरिमा के साथ व्यवहार कर सकते हैं।”

यह देखना बाकी है कि प्रशासन इन दबावों का जवाब कैसे देता है। हालांकि एक बात स्पष्ट है ग्वांतानामो में निर्वासित प्रवासियों का आगमन अमेरिकी आव्रजन नीति और मानवाधिकारों के बारे में गंभीर सवाल उठाता है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो आने वाले महीनों और वर्षों में बहस और विवाद का विषय बना रहेगा।

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