प्रयागराज (उत्तर प्रदेश):- ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम के आध्यात्मिक गुरु स्वामी चिदानंद सरस्वती ने प्रयागराज के प्रसिद्ध अरैल घाट पर संगम आरती का आयोजन किया। इस अवसर पर उन्होंने गंगा, यमुन और सरस्वती नदियों के संगम स्थल पर आध्यात्मिक आह्वान किया और आस्था के प्रतीक इस पवित्र स्थल को विशेष रूप से नमन किया।
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने आरती के दौरान आध्यात्मिक गीतों और मंत्रोच्चारण से वातावरण को भक्ति और श्रद्धा से ओत-प्रोत किया। उनके साथ बड़ी संख्या में भक्तगण और स्थानीय लोग भी उपस्थित थे जिन्होंने इस दिव्य अवसर का हिस्सा बनते हुए संगम में स्नान किया और आशीर्वाद प्राप्त किया।
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने अपने संबोधन में संगम क्षेत्र की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता पर प्रकाश डाला और श्रद्धालुओं को जीवन में शांति, सद्गति और समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा कि संगम के पानी में डुबकी लगाने से न केवल शारीरिक शुद्धि होती है बल्कि मानसिक और आत्मिक शांति भी प्राप्त होती है।
यह कार्यक्रम इस समय प्रचलित कुम्भ मेला और माघ मेला के मद्देनजर आयोजित किया गया था जो विशेष रूप से श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। स्वामी चिदानंद सरस्वती के इस आयोजन ने प्रयागराज की धार्मिक धारा को और भी प्रगाढ़ किया जहां लोग आस्था और भक्ति के साथ जुड़ने के लिए दूर-दूर से आए थे।