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प्रयागराज में महाकुंभ का शुभारंभ, संगम पर श्रद्धा का महासंगम

प्रयागराज (उत्तर प्रदेश):- महाकुंभ का भव्य शुभारंभ सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में हुआ। पौष पूर्णिमा के पावन स्नान पर्व पर लाखों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम पर देश-विदेश से आए श्रद्धालु आधी रात से ही स्नान के लिए घाटों पर उमड़ पड़े। महाकुंभ के साथ ही संगम क्षेत्र में माहभर चलने वाला कल्पवास भी प्रारंभ हो गया है। श्रद्धालुओं के उत्साह और आस्था का आलम यह है कि ठंड और बूंदाबांदी के बावजूद प्रयागराज के सभी 44 घाट श्रद्धालुओं से भरे हुए हैं।

12 किलोमीटर के मेला क्षेत्र में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं। सीसीटीवी कैमरों से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ड्रोन से निगरानी और हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा का इंतजाम किया गया है। सुरक्षा बल, पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें तैनात हैं। मेले के प्रमुख मार्गों पर बैरिकेडिंग और ट्रैफिक का कुशल प्रबंधन किया गया है।

मंगलवार 13 जनवरी को मकर संक्रांति पर अमृत स्नान पर्व का विशेष योग बन रहा है। पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के पर्वों के साथ आने से संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भीड़ और बढ़ने की संभावना है। इस अवसर पर साधु-संतों के शिविरों में प्रवचन और वेद ऋचाओं की गूंज हो रही है।

श्रद्धालु मेला क्षेत्र में कई किलोमीटर पैदल चलकर संगम पहुंच रहे हैं। घाटों पर स्नान करने वालों में संत, महात्मा और आम श्रद्धालु शामिल हैं। इस दौरान प्रशासन ने घाटों पर लाइफ गार्ड, मेडिकल टीम और एंबुलेंस की तैनाती सुनिश्चित की है।

प्रयागराज की अद्भुत छवि तब देखने को मिलेगी जब मकर संक्रांति के दिन संगम और अन्य घाटों पर स्नान कर रहे श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जाएगी। यह पहल श्रद्धालुओं के लिए एक यादगार अनुभव बन रही है।

महाकुंभ का यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि संगम की पवित्रता को आत्मसात करने का अद्भुत अवसर भी है। प्रयागराज के इस भव्य आयोजन में आस्था, सुरक्षा और श्रद्धालुओं के उत्साह का संगम पूरे विश्व में सनातन संस्कृति की महिमा का संदेश दे रहा है।

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