सहारनपुर (उत्तर प्रदेश):- आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और सांसद चन्द्रशेखर आजाद ने हाल ही में अपने ‘महाकुंभ’ बयान पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि उन्होंने केवल यह कहा था कि “जो पाप किए हैं वही कुंभ के लिए जाते हैं और यह बात उन्होंने एक संदर्भ में कही थी। चन्द्रशेखर आजाद का कहना था कि उन्हें हिंदू धर्म के धार्मिक गुरुओं से बचपन से ही यह सिखाया गया है कि गंगा नदी में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी का स्टैंड इस मामले में बिल्कुल स्पष्ट है कि वे पाप-पुण्य पर विश्वास नहीं रखते बल्कि कर्म में विश्वास करते हैं।
चन्द्रशेखर आजाद ने आगे कहा कि अगर उनका मन साफ-सुथरा है तो उन्हें किसी धार्मिक स्थल पर जाने की जरूरत नहीं है। उनका कहना था कि अगर लोग उनके बयान पर कुछ भी कहें या सोचें तो यह उनका निजी विचार है और वह इससे प्रभावित नहीं होते।
आजाद के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचाई है क्योंकि धार्मिक और सांस्कृतिक मामलों पर उनकी पार्टी के विचार अक्सर चर्चा का विषय रहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे किसी भी प्रकार की धार्मिक पहचान के आधार पर राजनीति नहीं करना चाहते बल्कि समाज के सभी वर्गों के लिए समान अवसरों की बात करते हैं।
इस बयान से यह भी स्पष्ट हुआ कि चन्द्रशेखर आजाद अपने धर्म और आस्था को राजनीति से अलग रखते हुए सिर्फ कर्म और सामाजिक समता की बात कर रहे हैं।