नई दिल्ली: आध्यात्मिक गुरु आशाराम बापू जो एक समय में लाखों अनुयायियों के बीच प्रसिद्ध थे आजकल अपनी जिंदगी के एक कठिन दौर से गुजर रहे हैं। उन पर लगे यौन शोषण के आरोपों ने उन्हें जेल में डाल दिया और उनके खिलाफ कई कानूनी कार्रवाईयां चल रही हैं। 2013 में एक नाबालिग लड़की के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया।
आशाराम बापू को 2018 में जोधपुर की एक अदालत ने दोषी ठहराया था और उन्हें उम्रभर की सजा सुनाई थी। इसके बावजूद उनके समर्थकों की संख्या अब भी कम नहीं हुई है। हाल ही में उन्होंने अपनी सजा के खिलाफ जमानत के लिए आवेदन किया था लेकिन अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी।
आशाराम बापू पर कई और आरोप भी हैं जिनमें उनके आश्रमों से जुड़ी पाबंदियां विवादित बयान और वित्तीय अनियमितताएं शामिल हैं। उनके खिलाफ कई राज्य सरकारों ने जांच भी शुरू की थी और उनकी संस्था पर भी कई कानूनी पाबंदियां लगाई गई हैं।
इस मामले की गूंज अब तक कोर्ट और मीडिया में बनी हुई है। आशाराम बापू के मामले ने भारतीय समाज और धर्म के प्रति विश्वास को भी प्रभावित किया है। उनकी जमानत याचिका और अन्य कानूनी प्रक्रियाएं इस समय सुर्खियों में हैं और यह देखना होगा कि भविष्य में उनके खिलाफ किस तरह की कानूनी कार्रवाई होती है।