महाराष्ट्र (मुंबई):- महाराष्ट्र में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने जबरदस्त जीत दर्ज करते हुए 288 सीटों में से 230 सीटें हासिल की हैं। इस जीत ने राज्य में नया रिकॉर्ड बनाया है। हालांकि, मुख्यमंत्री पद को लेकर महायुति गठबंधन के घटक दलों—बीजेपी शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट)—में सहमति नहीं बन पाई है। इसे लेकर बैठकों का दौर जारी है। इस बीच महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने गठबंधन पर निशाना साधा है। पटोले ने कहा कि चार दिन बीतने के बाद भी गठबंधन मुख्यमंत्री का नाम तय नहीं कर पाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ऐसा मुख्यमंत्री चाहती है जो केवल आदेश मानकर फाइलों पर हस्ताक्षर करता रहे। यह बात पटोले ने मुंबई में आयोजित कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही।
नाना पटोले ने चुनाव नतीजों पर सवाल उठाते हुए कहा कि महाराष्ट्र की जनता जानना चाहती है कि जब उन्होंने वोट नहीं दिया तो सरकार कैसे बनी। उन्होंने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करते हुए राज्य और देशभर में बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की। पटोले ने घोषणा की कि अगले दो दिनों में महाराष्ट्र कांग्रेस बैलेट पेपर के लिए अभियान शुरू करेगी। इस अभियान का नेतृत्व राहुल गांधी करेंगे जो इसे राष्ट्रीय स्तर तक ले जाएंगे। पटोले ने कहा कि कांग्रेस लोकतंत्र को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। उनका मानना है कि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है और ईवीएम की तुलना में बैलेट पेपर ज्यादा पारदर्शी और भरोसेमंद तरीका है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के ईवीएम से जुड़े फैसले को भी राजनीतिक करार दिया।
मुंबई में गठबंधन दलों के नेताओं की लगातार बैठकें हो रही हैं लेकिन मुख्यमंत्री का चेहरा अभी तय नहीं हुआ है। अटकलें हैं कि बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है। महाराष्ट्र की इस राजनीतिक उठापटक में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल बीजेपी के गठबंधन पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। वहीं मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही खींचतान महायुति गठबंधन की चुनौतियों को उजागर कर रही है।