ढाका (बांग्लादेश):- बांग्लादेश में इस समय धार्मिक तनाव बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। हिंदू धर्म के अनुयायियों पर हमले और धार्मिक गुरु चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश सरकार ने ISKCON (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कंश्यसनेस) को कट्टरपंथी संगठन घोषित कर दिया है। अब बांग्लादेश हाईकोर्ट में ISKCON पर बैन लगाने के लिए याचिका दायर की गई है। यह याचिका एक वकील द्वारा दाखिल की गई थी जिसमें आरोप लगाया गया कि ISKCON बांग्लादेश में धार्मिक असहमति को बढ़ावा दे रहा है और समाज में विद्वेष फैला रहा है।
हाईकोर्ट की पीठ में जस्टिस फराह महबूब और जस्टिस देबाशीष रॉय शामिल हैं जिन्होंने इस मामले पर विचार करते हुए कहा कि इस याचिका को गंभीरता से लिया जाएगा। इसके अलावा बांग्लादेश सरकार ने ISKCON के खिलाफ अपनी जांच तेज कर दी है। सरकार का कहना है कि यह संगठन समाज में धार्मिक कट्टरता और असहिष्णुता फैलाने का काम कर रहा है जिससे देश की धार्मिक एकता पर संकट आ सकता है।
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति से गुजर रहा है। हाल ही में हिंदू समुदाय के लोगों पर हमले और मंदिरों को निशाना बनाया गया है जिसके कारण पूरे देश में सुरक्षा की स्थिति बिगड़ गई है। इस माहौल में ISKCON पर बैन की संभावना बांग्लादेश के धार्मिक संतुलन को और भी बिगाड़ सकती है।
यह घटना बांग्लादेश के सामाजिक और धार्मिक वातावरण पर गहरे असर डाल सकती है क्योंकि ISKCON के अनुयायी यहां बड़ी संख्या में हैं और वे विभिन्न धार्मिक आयोजनों के जरिए देश में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। इस मामले की सुनवाई अगले हफ्ते होगी जिसके बाद कोर्ट का फैसला सामने आ सकता है।