नई दिल्ली :- स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मस्तिष्क के लिए संतुलित आहार पहली जरूरत है। पाश्चात्य संस्कृति और तेज तर्रार जीवन शैली के चलते लोगों ने आसन, व्यायाम और योग से लोगों की दूरी बढ़ती जा रही है। इसके कारण लोग मोटापा, मधुमेह और हृदय रोग जैसी घातक बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। बहुत ही साधारण उपायों से इससे निजात मिल सकती है। भोजन की गुणवत्ता और संयम से व्यक्ति पूरी तरह से फिट और स्वस्थ रह सकता है।
आहार विशेषज्ञ और एमडी न्यूट्रिशियन अंतिम वर्ष के छात्र डॉ. विकास यादव ने सियोल में आयोजित हाई वेलनेस एक्सपीरियंस फेस्टा में माइंडफुट ईटिंग विषय पर अपने विचार रखे। प्रयागराज के मूल निवासी विकास मानव के विकास में आहार विकल्पों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में चर्चा की। बताया कि दौड़ भाग भरी जिंदगी में व्यक्तिगत स्वास्थ्य काफी पीछे छूटता जा रहा है। इससे मधुमेह, हाई बीपी और हृदय संबंधी रोग शरीर में जगह बना रहे हैं। कहा कि व्यक्ति का भोजन उसके कार्यशैली के अनुकूल हो। जैसे ज्यादा देर तक बैठकर काम करने वाले और मेहनत और दौड़ भाग करने वालों के लिए आहार विज्ञान में अलग-अलग भोजन बताया गया है।