हरियाणा (महाराष्ट्र):- हरियाणा विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक सफलता का स्वाद चखने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक नए उत्साह से लबरेज है। हरियाणा के चुनावी नतीजों से स्पष्ट हो गया है कि भाजपा ने अपने विरोधियों के झूठे नैरेटिव को परास्त करने का नया मंत्र हासिल कर लिया है। यह चुनावी सफलता पार्टी के नेताओं को आगामी झारखंड, महाराष्ट्र विधानसभा, और अन्य उपचुनावों में और मजबूत बना रही है।
भाजपा नेतृत्व और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने एक मजबूत गठबंधन तैयार कर लिया है। सभी राज्यों में अपनी सक्रियता बढ़ाते हुए भाजपा और आरएसएस ने छोटी जनसभाओं से लेकर साधु-संतों के सम्मेलन आयोजित करने की योजनाओं पर कार्य शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र में हिंदुत्व के मुद्दे को प्रमुखता देने की तैयारी हो रही है। यहाँ के चुनावों के लिए विहिप (विश्व हिंदू परिषद) ने भी साधु-संतों की भागीदारी सुनिश्चित कर ली है जो जनता को हिंदुत्व, सुशासन, और विकास के मुद्दों से जोड़ेंगे। हरियाणा की सफलता से भाजपा को यह भी सीख मिली है कि ओबीसी समाज का समर्थन हासिल करने के लिए इस समाज की विभिन्न ज़रूरतों पर ध्यान देना आवश्यक है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हाल ही में अनुसूचित जाति और जनजाति के ज़रूरतमंदों के लिए आरक्षण में उपवर्गीकरण करने का प्रस्ताव रखा जो सुप्रीम कोर्ट के फैसले “कोटा में कोटा” के अनुरूप है। भाजपा इस नीति को अन्य राज्यों में भी लागू करने की योजना बना रही है।
महाराष्ट्र में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नारा “हिंदू बंटेंगे तो कटेंगे” व्यापक लोकप्रियता प्राप्त कर चुका है। उनके इस नारे ने हरियाणा में भाजपा के पक्ष में माहौल बनाया था और अब इसे महाराष्ट्र में भी अपनाया जा रहा है। योगी आदित्यनाथ के पोस्टर और बैनर पूरे महाराष्ट्र में लगे हुए हैं जिससे राज्य में उनकी मांग बढ़ती जा रही है।
भाजपा ने हाल के लोकसभा चुनाव में संविधान और आरक्षण जैसे मुद्दों पर विपक्ष के झूठे नैरेटिव का मुकाबला किया है। अब पार्टी ने चुनावी राज्यों में ओबीसी समाज को अपनी ओर खींचने के लिए कई उपाय किए हैं। भाजपा सरकार की नीतियाँ क्रीमी लेयर की सीमा बढ़ाने आरक्षण के विस्तार और ओबीसी समाज के कल्याण के लिए कई योजनाओं का संकेत दे रही हैं।
वहीं, हिंदुत्व के मुद्दों पर ध्यान देते हुए विहिप ने महाराष्ट्र में साधु-संतों के सम्मेलन आयोजित किए हैं जिसमें “वोट जिहाद” जैसे विषय पर चर्चा की जा रही है। पालघर में साधुओं की निर्मम हत्या, लव जिहाद, और धर्मांतरण जैसे मुद्दों को जनता के सामने रखा जा रहा है ताकि वे अपने अधिकारों के प्रति सचेत रहें और 100 प्रतिशत मतदान के महत्व को समझ सकें।
इस बार भाजपा ने हिंदुत्व को अपने अभियान के केंद्र में रखते हुए महाराष्ट्र, झारखंड और अन्य चुनावी राज्यों में पूरी तैयारी कर ली है। “बंटेंगे तो कटेंगे” जैसे नारों के साथ भाजपा का नया चुनावी मंत्र विपक्ष के झूठे नैरेटिव को ध्वस्त करने में कारगर साबित हो रहा है।