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फैशन डिजाइनर पल्लवी मोहन द्वारा दो पूर्व कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को मिली मान्यता

नई दिल्ली :- एक महत्वपूर्ण फैसले में नई दिल्ली की एक अदालत ने फैशन डिजाइनर पल्लवी मोहन की शिकायत पर कंपनी के दो पूर्व कर्मचारियों के खिलाफ कथित तौर पर उनके ब्रांड नाम के तहत गुप्त कारोबार करने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। यह निर्देश मोहन के स्वामित्व वाली फर्म ‘नॉट सो सीरियस ट्रेडिंग एलएलपी’ द्वारा मनु उनियाल और सुरेंदर कुमार पर आपराधिक विश्वासघात का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराने के बाद आया है।

उन पर अपने स्वयं के उत्पादों का प्रचार करने के लिए ब्रांड की पहचान और ग्राहकों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट अक्षय शर्मा द्वारा 4 अक्टूबर के अपने फैसले में कहा मामले की जांच की है। विक्रेताओं और खरीदारों के बीच लेन-देन की गहन जांच आवश्यक है।

मजिस्ट्रेट शर्मा ने ओखला औद्योगिक क्षेत्र पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि एफआईआर तुरंत दर्ज की जाए। 18 अक्टूबर को होने वाली अगली सुनवाई में अनुपालन रिपोर्ट पेश किए जाने की उम्मीद है। यह कदम मामले को आगे बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि इसमें शामिल सभी पक्षों की गहन जांच की जाए।

मोहन की कंपनी की शिकायत में बताया गया है कि कैसे उनियाल और कुमार ने उनकी जानकारी के बिना उनके ग्राहकों से ऑर्डर लिए और फिर “नॉट सो सीरियस” ब्रांड नाम, डिज़ाइन और सामग्री का उपयोग करके उच्च श्रेणी के महिलाओं के परिधान तैयार किए।

इस धोखेबाज़ी भरे कृत्य ने न केवल ब्रांड की पहचान का दुरुपयोग किया, बल्कि अपने निजी खातों और अपने रिश्तेदारों और संबद्ध कंपनियों के खातों में भी धन हस्तांतरित किया। पुलिस शिकायत के माध्यम से न्याय पाने के मोहन के शुरुआती प्रयास असफल रहे, क्योंकि कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई, जिसके कारण कानूनी कार्रवाई शुरू हुई। अधिवक्ता सुमित गहलोत और निखिल भल्ला द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए मोहन की फर्म ने ऐसे दमदार तर्क प्रस्तुत किए, जिससे न्यायाधीश को प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध के होने का विश्वास हो गया।

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