उम्र के साथ शरीर में कई प्रकार के बदलाव होते हैं, जिसमें यूरिनरी ब्लैडर का आकार भी शामिल है। जब हम छोटे होते हैं, तो हमारा ब्लैडर अपेक्षाकृत छोटा होता है, लेकिन उम्र के साथ इसका आकार बढ़ता है। हालांकि, बुढ़ापे में कुछ लोगों का ब्लैडर कमजोर हो सकता है, जिससे उनके मूत्र रोकने की क्षमता कम हो जाती है।
ज्यादा देर तक यूरिन रोकने के खतरे: यूरिन को ज्यादा देर तक रोकने की आदत सेहत के लिए खतरनाक हो सकती है। यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे:
मूत्र संक्रमण (यूटीआई): ज्यादा देर तक यूरिन रोकने से मूत्राशय में बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जिससे यूटीआई का खतरा बढ़ जाता है।
किडनी को नुकसान: यूरिन रोकने से किडनी पर दबाव बढ़ता है, जिससे दीर्घकालिक किडनी की समस्याएं हो सकती हैं।
मूत्राशय की दीवार को नुकसान: अत्यधिक दबाव के कारण ब्लैडर की दीवार कमजोर हो सकती है, जिससे अन्य जटिलताएं पैदा हो सकती हैं।
प्रोस्टेट और यूरिनरी स्टोन: ज्यादा देर तक यूरिन रोकने से प्रोस्टेट में सूजन और पथरी का खतरा भी बढ़ जाता है।
मूत्र असंयम: बार-बार यूरिन रोकने की आदत से यूरिन कंट्रोल करने में समस्या हो सकती है, जिसे मूत्र असंयम कहते हैं।
क्या ज्यादा देर तक यूरिन रोकने से मौत हो सकती है?
यूरिन रोकने से सीधा मौत का खतरा कम होता है, लेकिन अगर इस आदत को लंबे समय तक अपनाया जाए, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। खासकर अगर किडनी को लंबे समय तक नुकसान होता है, तो इसका असर शरीर के अन्य अंगों पर भी पड़ सकता है, जिससे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में जरूरी है कि जब भी आपको यूरिन की जरूरत महसूस हो, तो इसे ज्यादा देर तक न रोकें।