लखनऊ (उत्तर प्रदेश):- उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था और पुलिस की भूमिका पर एक बार फिर से गंभीर सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में एक घटना ने लोगों का गुस्सा और अविश्वास बढ़ा दिया है जहां यूपी पुलिस पर पत्रकारों की रिपोर्टिंग रोकने, वीडियो डिलीट करवाने और पीड़ित परिवार के साथ दुर्व्यवहार के आरोप लगे हैं।
पीड़ित प्रिया मौर्य के परिवार को न्याय दिलाने की जगह, पुलिस ने उनके भाई को थप्पड़ मारा और एक पत्रकार को लात मारकर धमकाया। पुलिस का यह बर्ताव न केवल कानून के नियमों का उल्लंघन करता है बल्कि लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।
घटनास्थल पर मौजूद पत्रकारों ने जब मामले की रिपोर्टिंग करने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें वीडियो डिलीट करने का आदेश दिया। यह घटना न केवल पत्रकारों के कार्य में बाधा डालती है बल्कि यह दर्शाती है कि पुलिस खुद को कानून से ऊपर समझ रही है। सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें साफ दिखाया गया है कि पत्रकार को किस तरह से दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा।