रांची (झारखंड):- झारखंड के रांची से होमगार्ड में फर्जी नियुक्ति के कई मामले सामने आए हैं। विभागीय जांच चली तो सभी के होश उड़ गए। जो होमगार्ड जवान लंबे समय से नौकरी कर रहे हैं वो फर्जी तरीके से नियुक्त हुए थे। उन्हें वो बैच मिल रखे थे जो उनके जन्म से पहले के थे। विभागीय जांच में पता चला कि जिस आसिफ अंसारी को धुर्वा पुलिस ने रविवार के दिन गिरफ्तार किया है, उसकी जन्मतिथि 1993 है। जबकि उसकी नियुक्ति 1984 साल के दौरान की है।
होमगार्ड विभाग की ओर से धुर्वा थाने में आदेश कर्ता कैलाश यादव, आसिफ समेत पांच लोगों पर फर्जी नियुक्ति मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसी की विभागीय जांच चल रही थी। कंपनी कमांडर कैलाश यादव को विभाग ने सस्पेंड कर दिया है।
बेटा पहले पिता बाद में बने होमगार्ड जवान
विभागीय डीएसपी कौशिक के अनुसार आसिफ अंसारी जिसका जन्म 1993 में हुआ था लेकिन उसे होमगार्ड आरक्षी के रूप में जो बैज नंबर दिया गया था। यानि वो वर्ष 1984 का है। जांच में सामने आया कि आसिफ को फर्जी तरीके से नियुक्ति लापता होमगार्ड जवान के रूप में गृह रक्षा वाहिनी के पदाधिकारी और कर्मियों की मदद से की गई थी।
फर्जी तरीके से बहाल हुए आसिफ अंसारी के पिता जाकिर अंसारी भी होमगार्ड जवान के रूप में कार्यरत हैं लेकिन उन्हें अपने बेटे के बाद नौकरी मिली है। यानि उनका बैच नंबर 1984 के बाद का है। इस फर्जी बहाली की भनक होमगार्ड जवानों को लोकसभा चुनाव के वक्त मिली, जिसके बाद मामला वरीय अधिकारियों के संज्ञान में दिया गया और फिर इस मामले का खुलासा हुआ।