ईरान :- ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनका देश पश्चिमी देशों के साथ अपने परमाणु गतिरोध को समाप्त करने के लिए तैयार है और वैश्विक मामलों में “रचनात्मक भूमिका” निभाना चाहता है। उन्होंने कहा कि ईरान 2015 के परमाणु समझौते के प्रतिभागियों के साथ जुड़ने को तैयार है जिसे 2018 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रद्द कर दिया था।
अमेरिका के आगे ईरान ने टेके घुटने
ईरानी राष्ट्रपति का ये बयान इस बात के संकेत हैं कि वो परमाणु विवाद पर पीछे हटने के लिए तैयार हैं और वो सालों से अमेरिका से चले आ रहे विवाद को खत्म करने की दिशा में बढ़ सकते हैं। उन्होंने ये घोषणा उस वक्त की है, जब मध्य पूर्व में युद्ध का खतरा लगातार बना हुआ है और इजराइल और ईरान भी कई बार जंग के मुहाने तक पहुंच चुके हैं।
पेजेशकियन ने संयुक्त राष्ट्र को बताया, कि “हम 2015 के परमाणु समझौते के प्रतिभागियों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं। यदि समझौते की प्रतिबद्धताओं को पूरी तरह और सद्भावनापूर्वक लागू किया जाता है, तो अन्य मुद्दों पर बातचीत हो सकती है।”
उनकी टिप्पणी ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के नेतृत्व वाले मौलवी प्रतिष्ठान की टिप्पणियों के बाद आई है, जिसने अमेरिकी प्रतिबंधों को कम करने की उम्मीद में अमेरिका के साथ फिर से बातचीत करने की इच्छा व्यक्त की और कहा कि अपने “दुश्मन” के साथ बातचीत करने में “कोई नुकसान” नहीं है।
पेजेशकियन, जो एक हृदय रोग विशेषज्ञ हैं और जिन्होंने खुद को सुधारक बताते हुए चुनाव लड़ा था और जुलाई में पदभार ग्रहण किया था। उन्होंने कहा, “मेरा लक्ष्य अपने देश के लिए एक नए युग में प्रवेश के लिए एक मजबूत नींव रखना है, ताकि इसे विकसित हो रही वैश्विक व्यवस्था में एक प्रभावी और रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए तैयार किया जा सके।”
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